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Published: Apr 05, 2022 01:28 PM IST

Deaf Staff Cafeकेन्या का एक ऐसा कैफे जो बधिर लोगों को देता है नौकरी, उनके खिलाफ भेदभाव से लड़ने में करता है मदद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

केन्या (Kenyan) की राजधानी नैरोबी (Nairobi) में एक सामाजिक प्रयोग के जरिए बधिर लोगों (Deaf People) को रोजगार दिया जा रहा है। यहां उन बधिर लोगों को नियुक्त किया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन के लगभग हर पहलू में भेदभाव का सामना किया है।

नैरोबी (Nairobi) में स्थित पैलेट कैफे (The Pallet Cafe) लोगों को दिखा रहा है कि एकीकरण (Equality) कैसे काम कर सकता है। इस स्वयंभू उद्यान कैफे में टेबलों और प्रचुर मात्रा में पौधों के चारों ओर अपना रास्ता बुनते हुए, कर्मचारी केन्याई सांकेतिक भाषा, मीम्स या इशारों का उपयोग करके ऑर्डर लेते हैं।

बीबीसी की खबर के मुताबिक, यहां कुछ बुनियादी सांकेतिक भाषा (Sign Language) के परिचय के साथ पोस्टर लगाए गए हैं। यदि वेटर को यह पूछना है कि क्या किसी को पानी की ठंडी बोतल चाहिए तो वह हल्के से हिलकर इशारा करता है, और ग्राहक अंगूठे के साथ इसकी पुष्टि कर सकता है। यदि ऑमलेट का आर्डर देना है, तो मुट्ठी के इशारे का उपयोग यह पूछने के लिए किया जा सकता है कि क्या ग्राहक को नरम-उबला हुआ ऑमलेट चाहिए।

एडवर्ड कामांडे (Edward Kamande), जो 2019 में पैलेट कैफे खुलने के तुरंत बाद स्टाफ में शामिल हुए। उन्होंने वेटर के रूप में यहां काम करना शुरू किया था और आज वह कैफे के प्रबंधक हैं। 26 वर्षीय, संस्थापक, व्यवसायी फीसल हुसैन कहते हैं, “उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। उन्होंने देखा कि मेरे अंदर कुछ है।”

वे अपने व्यवसाय के बारे में कहते हैं, “मेरी दृष्टि बधिर समुदाय का समर्थन करने की थी।” लविंगटन में 40 में से 30 से अधिक कर्मचारी या तो श्रवण बाधित या बहरे हैं। कामांडे का मानना है कि कर्मचारी जो कर सकते हैं उसके लिए उन्हें महत्व दिया जाता है। वे कहते हैं, “हमारी कंपनी में कोई भेदभाव नहीं है, यहां स्वतंत्रता है।”