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Published: Jun 29, 2021 09:07 AM IST

US Airstrikesसीरिया में अमेरिकी बलों पर रॉकेट हमले हुए, कोई हताहत नहीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वाशिंगटन. पूर्वी सीरिया (Syria) में सोमवार को अमेरिकी सैनिकों पर रॉकेट हमला (US Airstrikes) हुआ, जिसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। एक दिन पहले ही, रविवार को अमेरिका (America) ने इराक और सीरिया के बीच सीमा के निकट ‘‘ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ठिकानों” को निशाना बनाकर हवाई हमले किए थे। ईराक की सेना ने अमेरिकी हमलों की निंदा की थी और मिलिशिया समूहों ने अमेरिका से बदला लेने की बात कही थी।

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी (John Kirby) ने कहा था कि ये मिलीशिया समूह इराक में अमेरिकी बलों के खिलाफ मानवरहित यान से हमला करने के लिए इन ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे थे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा इलाके में किया गया दूसरा हमला था। ऐसा कोई संकेत नहीं था कि रविवार को किए गए हमले सीमावर्ती क्षेत्र में अमेरिका के एक व्यापक और जारी रहने वाले हवाई अभियान का हिस्सा हैं। लेकिन बगदाद में अमेरिकी सैन्य मिशन के प्रवक्ता कर्नल वायने मारोट्टो ने ट्विटर पर सोमवार को लिखा कि सुबह सात बजकर 44 मिनट (स्थानीय समयानुसार) पर ‘‘सीरिया में अमेरिकी बलों पर रॉकेट से कई हमले हुए।”

उन्होंने बताया कि इन हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ और अब इनसे हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। मोरोट्टो ने बाद में फिर से ट्वीट करके बताया कि सीरिया में हमला होने पर अमेरिकी बलों ने आत्मरक्षा में तोप से गोले दागे। किर्बी ने इराक पर हमलों को ‘‘रक्षात्मक” करार देते हुए कहा था कि ये हमले ‘‘इराक में अमेरिकी हितों को निशाना बनाकर किए जा रहे ईरान समर्थित समूहों के हमलों” के जवाब में किए गए। अमेरिका ने स्थिति बिगड़ने के जोखिम को कम करने के लिए और हमले रोकने की खातिर एक स्पष्ट संदेश भेजने के लिए आवश्यक, उचित और सोच-समझकर कार्रवाई की।” पेंटागन ने कहा था कि जिन ठिकानों पर हमले किए गए उनका इस्तेमाल ईरान समर्थित मिलिशिया धड़े कर रहे थे। पेंटागन की प्रवक्ता नौसेना की कमांडर जैसिका मैकनल्टी ने सोमवार को कहा कि हर हमला निशाने पर लगा और अमेरिकी सेना अभी अभियान के परिणामों का आकलन कर रही है। अमेरिक के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि बाइडन इस बात को लेकर बिलकुल स्पष्ट हैं कि अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए अमेरिका कदम उठाएगा। (एजेंसी)