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Published: Aug 27, 2023 11:22 AM IST

Zimbabweजिम्बाब्वे: इमरसन मंगागवा फिर से जीते चुनाव, दूसरी बार बनेंगे राष्ट्रपति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Zimbabwe President Emmerson Mnangagwa Pic Source-Twitter

हरारे: इमरसन मंगागवा (Emmerson Mnangagwa) को शनिवार को दूसरे और अंतिम कार्यकाल के लिए जिम्बाब्वे (Zimbabwe) का राष्ट्रपति चुना गया। दक्षिणी अफ्रीकी देश में चुनाव के नतीजे उम्मीद से पहले ही घोषित कर दिए गए। परिणाम घोषित होने के कुछ ही समय बाद एक विपक्षी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि वह इन नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि ‘उचित सत्यापन के बिना जल्दबाजी में सब कुछ किया गया।

जिम्बाब्वे चुनाव आयोग (Zimbabwe Electoral Commission) ने राजधानी हरारे में देर रात घोषणा की कि मंगागवा को 52.6 प्रतिशत, जबकि मुख्य विपक्षी नेता नेल्सन चामीसा को 44 प्रतिशत मत मिले हैं। यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ के चुनाव पर्यवेक्षकों की ओर से मतदान की तैयारी में गड़बड़ी और चामीसा के समर्थकों के खिलाफ भय का माहौल बनाने को लेकर सवाल उठाए गए हैं, जिसके मद्देनजर नतीजों की जांच की जा सकती है। मतदान प्रक्रिया केवल एक दिन बुधवार को होनी थी, लेकिन मतपत्रों की छपाई में देरी और अन्य समस्याओं के कारण यह बृहस्पतिवार को भी जारी रही। 

सत्तारूढ़ जेडएएनयू-पीएफ पार्टी का राष्ट्रपति पद पर कब्जा बरकार
यूं तो चुनाव परिणाम की घोषणा के लिए सोमवार का दिन तय किया गया था, लेकिन मतदान खत्म होने के दो दिन बाद समय से पहले शनिवार को ही नतीजे जारी कर दिए गए। चामीसा की सिटीजन्स कोएलिशन फॉर चेंज पार्टी के प्रवक्ता प्रॉमिस मकवाननजी ने कहा कि हम उचित सत्यापन के बिना जल्दबाजी में घोषित किए गए इन परिणाम को अस्वीकार करते हैं। इस संबंध में आगे हम जो भी कदम उठाएंगे, उसके बारे में नागरिकों को जरूर अवगत कराया जाएगा। सत्तारूढ़ जेडएएनयू-पीएफ पार्टी ने यह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति पद अपना कब्जा बरकार रखा है। 1980 में जिम्बाब्वे को श्वेत अल्पसंख्यक शासन से आजादी मिलने के बाद से जेडएएनयू-पीएफ पार्टी सत्ता पर काबिज है।

मंगागवा ने रॉबर्ट मुगाबे की जगह ली थी
मंगागवा ने 2017 में हुए तख्तापलट के बाद लंबे समय तक शासन करने वाले रॉबर्ट मुगाबे की जगह ली थी और इसके बाद 2018 में विवादित चुनाव में बेहद कम अंतर से चामीसा के खिलाफ जीत दर्ज की थी। नतीजों की घोषणा से पहले शनिवार को बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिस के जवान राष्ट्रीय परिणाम केंद्र की सुरक्षा में तैनात किए गए। पांच साल पहले पिछले चुनावों के नतीजों की घोषणा में देरी को लेकर किए गए विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में छह लोग मारे गए थे। (एजेंसी)