नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन पर नोटिस जारी किया जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों के विरोध में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने की मांग की गई थी।
#FarmLaws: Supreme Court forms a committee to hold talks https://t.co/eIXr3WcNvA
— ANI (@ANI) January 12, 2021
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई, साथ ही जिस तरह के किसान आंदोलन को सरकार ने संभाला उसपर नाराजगी व्यक्त की गई। ऐसे में अदालत ने कहा है कि अब वो ही इसका निर्णय करेंगे, इसीलिए बीते दिन कमेटी के लिए नामों को मांगा गया। जबतक कमेटी कोई निर्णय नहीं देगी, कानून लागू होने पर रोक लगी रहेगी। किसानों ने हालांकि किसी कमेटी के सामने पेश होने से इनकार किया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आज हर किसी की नज़र है।
Farm laws: If there is infiltration by a banned organisation & somebody is making an allegation here before us, you have to confirm it. File an affidavit by tomorrow: CJI to Attorney General
We will file an affidavit in this regard and place the IB records, says Attorney General https://t.co/qy0UEuFAQ1
— ANI (@ANI) January 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को चुनौती देने और दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई। कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने अदालत को बताया कि किसानों ने कहा है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम एक कमेटी बना रहे हैं ताकि हमारे पास एक स्पष्ट तस्वीर हो. हम यह तर्क नहीं सुनना चाहते कि किसान कमेटी में नहीं जाएंगे।
Farm laws: Sr advocate Harish Salve appearing for one of the petitioners says staying implementation of the laws shouldn't be seen as a political victory. It should be seen as a serious examination of concerns expressed over the legislations, he adds pic.twitter.com/Dww0mFL9Wn
— ANI (@ANI) January 12, 2021
वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 48वें भी जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया,”अगर सरकार नहीं मानी तो लोहड़ी तो क्या हम होली भी यहीं मनाएंगे। हम सरकार से कहना चाहते हैं कि किसानों की तरफ ध्यान दे।यहां 51-52 लोग मर गए सरकार को उनकी फिक्र नहीं है।”
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर से दिल्ली की ओर ट्रैक्टर रैली निकाली। एक किसान ने बताया, “हमारा हज़ारों ट्रैक्टरों का जत्था दिल्ली धरने में शामिल होगा और 26 जनवरी की परेड में भी शामिल होगा। हमारा जत्था 3 कानूनों को रद्द करवाकर ही वापस आएगा।”
कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है। फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, “उम्मीद है कि कोर्ट किसानों के पक्ष में और कानूनों को रद्द करने के लिए कोई फैसला लेगी। हमें बुराड़ी ग्राउंड में करीब 47 दिन हो गए।”