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नयी दिल्ली. जहाँ भारत (India) और चीन (China) के बीच बीते 9 महीनों से तनाव (Tension) की स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ दोनों ओर से पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में सेना और हथियारों की भारी तैनाती है। इसके साथ ही भारत ने आर्टिलरी गन, टैंक, हथियारबंद वाहन भी अब सीमा पर तैनात कर रखे हैं। इन सबके बीच लगभग दो महीने के बाद भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर आज एक बार फिर वार्ता (Meeting) के लिए टेबल के आमने सामने होंगे। आज दोनों ही देश फिर से पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के मुद्दे पर बातचीत करेंगे। 

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 8 राउंड की वार्ता अभी तक हो चुकी है, लेकिन लद्दाख में गतिरोध अभी भी पहले जैसा ही है। आज की होने वाली वार्ता से इस गतिरोध का कोई समाधान होगा इस पर भी अब प्रश्न खड़ा है। आज की वार्ता चीनी सीमा रेखा में स्थित मोल्डो (Moldo) में होने वाली है। बता दें कि मोल्डो भारत में स्थित चुशूल सेक्टर (Chushul Sector) के ठीक विपरित में चीनी सीमा में स्थित है। विदित हो कि इसके पहले भी दोनों देशों के बीच बीते 6 नवंबर को वार्ता हुई थी। हर बार की तरह इस बार भी चीन के साथ वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी बतौर प्रतिनिधि वहां पर मौजूद रहने वाला है।

विदित हो कि भारत और चीन के मध्य बीते लगभग नौ महीनों से तनाव और गतिरोध की स्थिति निर्मित है। वहीं दोनों तरफ से ही पूर्वी लद्दाख में सेना और हथियारों की भारी तैनाती रखी  गई है। भारत ने आर्टिलरी गन, टैंक, हथियारबंद वाहन सीमा पर तैनात कर रखे हैं। दोनों देशों के बीच 8 राउंड की वार्ता समाप्त हो चुकी है, लेकिन लद्दाख में उत्पन्न गतिरोध का कोई समाधान नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 9 महीने और 8 राउंड की वार्ता से गतिरोध बना हुआ है और बीते 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था। हालाँकि इसमें चीन के भी बहुतेरे जवान मारे गए थे, लेकिन इस बात को स्वीकार करने में उसने कम साहस दिखाया और मारे गए जवानों की संख्या बताने में वह चुप्पी साध गया।