मुंबई: मुंबई की एक अदालत (Court) ने मरीन ड्राइव थाने में दर्ज रंगदारी मामले (Extortion Case) में आरोपी दो सेवारत पुलिस अधिकारियों की जमानत याचिकाओं पर सोमवार को 7 दिसंबर तक आदेश सुरक्षित रख लिया। बता दें कि याचिका को पहले मजिस्ट्रेट अदालत ने खारिज कर दिया था।
दोनों पुलिस अधिकारी नंदकुमार गोपाल और आशा कोर्के, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह और सचिन वाजे के साथ रंगदारी मामले में आरोपी हैं। सीआईडी ने इससे पहले मरीन ड्राइव मामले में पुलिस निरीक्षकों को गिरफ्तार किया था।
Mumbai: Order on bail pleas of Police officials Nandkumar Gopale-Asha Korke reserved till Dec 7 by sessions court. Plea was earlier rejected by Magistrate court
Both are accused along with Param Bir Singh & Sachin Waze in extortion case registered at Marine Drive police station
— ANI (@ANI) November 29, 2021
बता दें कि मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें राहत देने से इनकार करने के बाद पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को जमानत के लिए सत्र अदालत का रुख किया था। एड. अनिकेत निकम के माध्यम से दायर अपनी जमानत याचिकाओं में कहा था कि शिकायत देर से दर्ज की गई थी और शिकायतकर्ता श्यामसुंदर अग्रवाल द्वारा अपनी प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि करने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनका एक विशिष्ट करियर है और वे पुलिस अधिकारी हैं।
अग्रवाल द्वारा जुलाई में दर्ज प्राथमिकी पर राज्य सीआईडी ने दोनों को गिरफ्तार किया था, जिसमें उन्होंने शहर के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों का भी नाम लिया है।
गौरतलब है कि परम बीर सिंह सोमवार को महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश हुए। उन्होंने कहा कि सीआईडी द्वारा जारी नोटिस के बाद सिंह दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पड़ोसी नवी मुंबई के बेलापुर स्थित कार्यालय पहुंचे। एजेंसी सिंह के खिलाफ दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन और ठाणे शहर से सटे कोपरी पुलिस थाने में दर्ज रंगदारी के मामलों की जांच कर रही है।