- मक्खी, मच्छर व नमी के चलते फंगस का जोर
वर्धा. बार-बार बदलते मौसम व बेमौसम बारिश के चलते इस बार मिर्च व तुअर उत्पादक किसान परेशान हैं. मक्खी, मच्छर व नमी के चलते फंगस पनपा हुआ है. जिसके कारण किसानों की सारी मेहनत चौपट होती नजर आ रही है. विभिन्न दवाएं डालकर भी इन रोगों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. मौसम में बदलाव आने से तुअर व चना फसल पर इल्लियों ने हमला बोल दिया है. जिससे किसान पुनः एक बार संकट में आकर उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. खरीफ की उड़द, मूंग व सोयाबीन की फसल बारिश ने तबाह कर दी है. खरीफ में भी किसानों का भारी नुकसान हुआ है. किसानों का वार्षिक गणित तुअर की फसल पर निर्भर होता है.
कीटनाशकों का छिड़काव जरूरी
अब तुअर की फसल पर कोहरे व मौसम में आई तब्दीली से संकट खड़ा हुआ है. बिगड़ते मौसम के कारण इल्लियों का प्रकोप बढ़ने से महंगे कीटनाशक खरीदकर छिड़काव करने की नौबत किसानों पर आई है. इस वर्ष बेमौसम बारिश ने कहर बरपाया. रबी की बुआई व तुअर की फसल फल्लियां व फूलों से लदकर लहलहाने लगी है. अनेक की तुअर तो कटाई पर आयी. ऐसे में इल्लियों के प्रकोप से किसानों की चिंता बढ़ गई है.
पोषक वातावरण पर रबी फसल निर्भर
शीतकाल के पोषक वातावरण पर रबी मौसम में फसलों का उत्पादन निर्भर रहता है. किसानों ने बताया कि दवाएं छिड़की जा रही हैं, लेकिन परिणाम शून्य ही रहता है. फसल पैदावार भी इस बार कम हुई है, वहीं पर अब मिर्च की फसल भी रोगों की चपेट में आ गई है. कारण उत्पादन में कमी आती है. पर कोहरे व मौसम में आई तब्दीली से संकट खड़ा हुआ है. यही हालत चना फसल की भी है.