ठाणे : राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की गिरफ्तारी के विरोध में गृहनिर्माण मंत्री डॉ. जितेंद्र आव्हाड (Dr. Jitendra Awhad) के मार्गदर्शन में और एनसीपी (NCP) के ठाणे शहर के अध्यक्ष आनंद परांजपे और कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण के नेतृत्व में, एनसीपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक मंच पर आते हुए ठाणे में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों के दौरान महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं की देशभक्ति पर सवाल उठाने वाली तख्तियां लिए हुए थे। लेकिन वहीं दूसरी तरफ महाविकास आघाडी का घटक दल शिवसेना इस आंदोलन से दूर नजर आई। और शिवसेना के एक भी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में हिस्सा ही नहीं लिया। जिससे महाविकास अघाड़ी के एकता भी सवाल खड़ा होने लगा है।
शुक्रवार को एनसीपी और कांग्रेस ने ईडी और केंद्र सरकार के खिलाफ ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आंदोलन किया। इस दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने विपक्ष को मुश्किल में डालने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई, एनआईए, आयकर विभाग और ईडी का गलत इस्तेमाल करने को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान कार्यकर्ताओं के हाथों में मोदी सरकार हाय हाय, ईडी झाली एडी, मोदी सरकार के कार्यकर्ताओं ने मुर्दाबाद की घोषणा की। इस आंदोलन में महानगरपालिका गटनेता और प्रदेश महासचिव नजीब मुल्ला, एनसीपी नगरसेवक मिलिंद पाटिल, नगरसेविका प्रमिला मुकुंद केनी, प्रदेश सचिव सुहास देसाई, प्रभाग समिति की अध्यक्ष वहीदा खान, नगरसेविका अपर्णा सालवी, सुनीता सतपुते, अंकिता शिंदे, आरती गायकवाड़, परिवहन सदस्य नितिन पाटिल, मोहसिन शेख, पूर्व परिवहन समिति सदस्य सुरेंद्र उपाध्याय, एनसीपी हिंदी भाषी सेल के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह, एनसीपी उपाध्यक्ष संतोष तिवारी, मुन्ना पाठक, राजन चतुर्वेदी, रत्नेश दुबे सहित कांग्रेस महासचिव सचिन शिंदे, राहुल पिंगले, राजेश जाधव, गिरीश कोली और रमेश इंदिसे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल हुए थे।
आनंद परांजपे ने कहा कि अब लड़ाई शुरू हो गई है
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए एनसीपी अध्यक्ष आनंद परांजपे ने कहा कि अब लड़ाई शुरू हो गई है। महाविकास अघाड़ी के तमाम कार्यकर्ता अब सड़कों पर उतर आए हैं। ईडी के नहीं रहने पर हुई कार्रवाई को अब निशाना बनाया जा रहा है तो क्या इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है? बीजेपी को पहले से ही पता है कि ईडी की लाइन किसके घर पर लगेगी। दूसरे शब्दों में, ईडी का संचालन भाजपा करती है। यह अब स्पष्ट हो रहा है। भाजपा ने गुरुवार को नवाब मलिक की देशभक्ति पर सवाल उठाकर उनका अपमान किया। भाजपा को पहले जवाब देना चाहिए कि नवाज शरीफ के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री बिरयानी खाने पाकिस्तान क्यों गए? नांदेड़-मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह कैसे बीजेपी सांसद बनी? पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नल पुरोहित से हाथ क्यों मिलाया ? बीजेपी को पहले जवाब देना चाहिए और फिर मलिक की देशभक्ति पर सवाल उठाना चाहिए जो देश की भलाई के लिए मोदी सरकार का पर्दाफाश कर रहे हैं।
बीजेपी ने ही दाऊद और आईएसआई से हाथ मिलाया है
वहीं ठाणे कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने कहा कि आज का आंदोलन भाजपा के दमन के खिलाफ है। इसलिए हम सभी कंधे से कंधा मिलाकर सड़कों पर उतर आए हैं। सभी धर्मनिरपेक्ष दल सड़कों पर उतर आए हैं। मोदी कहते है कि दाऊद को भारत लाएंगे। लेकिन यही मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिलते हैं; इस बैठक में खुद दाऊद मौजूद था। हालांकि नवाब मलिक को 30 साल पहले की कुछ घटनाओं में फंसाया गया है। दरअसल बीजेपी ने ही दाऊद और आईएसआई से हाथ मिलाया है।
एनसीपी के प्रदेश महासचिव और समूह के नेता नजीब मुल्ला ने भी भाजपा की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अब बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा ने इस गंदी राजनीति की शुरुआत केंद्रीय तंत्र के माध्यम से की है क्योंकि चुनाव से पहले उसे हार का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा खत्म होने तक लड़ाई जारी रहेगी। हालांकि नवाब मलिक एक निर्दोष मुसलमान है, लेकिन उसका नाम दाऊद रखा गया है। मुल्ला ने कहा, “जब भी मुस्लिम नेतृत्व आगे आता है, भाजपा हमेशा उन्हें फंसाने की कोशिश करती है।”