नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की सोमवार को अध्यक्षता की। राष्ट्रपति भवन में हुई यह बैठक जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर सुझाव मांगने एवं रणनीतियों पर चर्चा करने के लिये बुलाई गई थी।
इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लिया हिस्सा लिया जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, सिक्किम में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी शामिल हैं।
बैठक में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू आदि शामिल हैं।
#WATCH | PM Narendra Modi chairs the all-party meeting called by the Centre as India assumed the G20 Presidency pic.twitter.com/LEkMqfR79n
— ANI (@ANI) December 5, 2022
इस बैठक में सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल आदि मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में विदेश मंत्रालय की ओर से जी20 की भारत की अध्यक्षता को लेकर सरकार की योजनाओं एवं इससे जुड़े कार्यक्रमों के बारे में एक प्रस्तुति दी जायेगी।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से करीब 40 दलों के अध्यक्षों को बैठक में आमंत्रित किया गया है। भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। इस साल दिसंबर से देश के विभिन्न स्थानों पर 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी किए जाने की उम्मीद है। अगले साल नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है। इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों में जी20 की कई बैठकें आयोजित की जाएंगी।
जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।