देहरादून: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) को लेकर की गई टिप्पणी पर उत्तराखंड के सीएम ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) दुनिया भर के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। सपा नेता को सोच विचार कर बयान देना चाहिए।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा बद्रीनाथ मंदिर को लेकर की गई टिप्पणी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि बद्रीनाथ धाम दुनिया भर के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है और स्वामी प्रसाद मौर्य (सपा नेता) द्वारा दिया गया बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि वह जिस गठबंधन का हिस्सा हैं, उनके लिए ऐसे बयान देना स्वाभाविक है… जो लोग तुष्टिकरण में विश्वास करते हैं… लेकिन उनके नाम के आगे स्वामी है। कम से कम उन्हें ऐसा बयान देने से पहले सोचना चाहिए।
#WATCH बद्रीनाथ धाम दुनिया भर के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है और स्वामी प्रसाद मौर्य (सपा नेता) द्वारा दिया गया बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि वह जिस गठबंधन का हिस्सा हैं, उनके लिए ऐसे बयान देना स्वाभाविक है… जो लोग तुष्टिकरण में विश्वास करते हैं… लेकिन उनके… pic.twitter.com/ukWcfL1nhB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2023
सपा नेता स्वामी मौर्या का क्या था बयान?
स्वामी प्रसाद मौर्या ने गुरुवार काे एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि देश के अधिकांश मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गये हैं। उसमें से बद्रीनाथ मंदिर भी है। यह बयान उन्होंने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर दिया। उन्होंने कहा कि इस पर भी सर्वे किया जाना चाहिए।
आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के…
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) July 28, 2023
8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ: स्वामी प्रसाद मौर्या
स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान के बाद वो एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। लोगों की अलग अलग आ रही प्रतिक्रिया के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने आज एक और ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने कहा कि आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है।
रामचरितमानस पर भी स्वामी प्रसाद ने दिया था बयान
इसके पहले स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरित मानस पर भी टिप्पणी किया था। इसे उन्होंने स्त्री और दलित विरोधी बताया था। रामचरित मानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद ने साल के शुरूआती महीने पर बयान दिया था, जो कि मामला खूब तूल पकड़ लिया था। इसके बाद स्वामी प्रसाद ने शुक्रवार को हिंदू आस्था और श्रद्धा पर एक बार फिर टिप्पणी कर दिया है।
बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्या बसपा के नेता थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा 2017 चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या लेकर आए थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में वह सपा में शामिल हो गए और इनकी बेटी बीजेपी से सांसद हैं।