बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे ‘ChaSTE’ पेलोड द्वारा चंद्रमा की सतह पर मापी गई तापमान भिन्नता का एक ग्राफ रविवार को जारी किया। यह विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के चार दिन बाद चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्ज़र्वेशन है।
इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “चंद्रमा की सतह के थर्मल व्यवहार को समझने के लिए ‘ChaSTE’ ध्रुव के चारों ओर चांद की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापता है। इसमें एक नियंत्रित प्रवेश तंत्र से सुसज्जित तापमान जांच है जो सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है। जांच में 10 व्यक्तिगत तापमान सेंसर लगे हैं।”
अंतरिक्ष एजेंसी ने विभिन्न गहराइयों पर चंद्र सतह/निकट-सतह की विविधताओं को दर्शाने वाला एक ग्राफ भी साझा किया। इसरो ने कहा, “प्रस्तुत ग्राफ विभिन्न गहराई पर चंद्र सतह/सतह के तापमान में भिन्नता को दर्शाता है, जैसा कि जांच के प्रवेश के दौरान दर्ज किया गया था। चंद्रमा के साउथ पोल के लिए यह पहली ऐसी प्रोफाइल है। विस्तृत अवलोकन चल रहा है।”
Chandrayaan-3 Mission:
Here are the first observations from the ChaSTE payload onboard Vikram Lander.ChaSTE (Chandra’s Surface Thermophysical Experiment) measures the temperature profile of the lunar topsoil around the pole, to understand the thermal behaviour of the moon’s… pic.twitter.com/VZ1cjWHTnd
— ISRO (@isro) August 27, 2023
ISRO द्वारा जारी ग्राम के मुताबिक चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। वहीं, 80mm की गहराई में माइनस 10°C तापमान दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने के बाद भारत ने इतिहास रच दिया, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु में इसरो के कमांड सेंटर का दौरा किया और चंद्रयान-3 मिशन के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने जिस जगह पर लैंडर उतरा है उसे ‘शिव शक्ति’ पॉइंट नाम देने की घोषणा की। उन्होंने चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की तारीख 23 अगस्त के दिन को अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाने की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने यह घोषणा भी की कि 2019 में चंद्रयान-2 ने जिस जगह पर अपने पदचिह्न छोड़े थे, चंद्रमा की उस जगह को अब ‘तिरंगा’ प्वाइंट के रूप में जाना जाएगा।