नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश में एक साथ चुनाव कराए जाने की संभावना तलाशने के लिए केंद्र द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति का हिस्सा बनने से शनिवार को इनकार कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में चौधरी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ‘‘मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तें उसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है। इसके अलावा, आम चुनाव से कुछ महीने पहले संवैधानिक रूप से संदिग्ध, अव्यवहार्य और तार्किक रूप से लागू नहीं करने योग्य विचार को राष्ट्र पर थोपने का अचानक प्रयास सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है।”
Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury declined the invitation to be part of the 8-member committee constituted by the Centre to examine ‘One nation, One election’.
"I have no hesitation whatsoever in declining to serve on the Committee whose terms of reference have been prepared in… pic.twitter.com/2w523Djag2
— ANI (@ANI) September 2, 2023
कांग्रेस नेता ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को समिति से बाहर किए जाने पर भी खेद जताया। संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘यह संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का जानबूझकर किया गया अपमान है। इन परिस्थितियों में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
इससे पहले, सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए शनिवार को आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में कहा गया है कि समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे और इसमें गृहमंत्री अमित शाह, चौधरी, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह सदस्य होंगे। (एजेंसी)