नई दिल्ली. 1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 anti-Sikh riots) से संबंधित मामले में 12 हत्या के आरोपियों को बरी करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को अभियोजन पक्ष को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति दे दी है। एलजी कार्यालय ने इसकी जानकारी दी।
एलजी कार्यालय ने कहा, “दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभियोजन पक्ष को 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित मामले में 12 हत्या के आरोपियों को बरी करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति दे दी है। इस घटना में पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई इलाके में 8 लोग मारे गए थे और 1 घायल हो गया था।” एलजी कार्यालय ने कहा, “उपराज्यपाल ने उच्च न्यायालय के 9 अगस्त, 2023 के फैसले को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने के गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी गई थी।”
The LG approved the proposal of the Home Department for filing of the Special Leave Petition (SLP) in the Apex Court for assailing the August 9, 2023 judgment of the High Court by which the appeal against the trial court verdict acquitting all the accused was dismissed: LG Office
— ANI (@ANI) October 28, 2023
27 साल की देरी का हवाला देकर अपील खारिज
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने 9 अगस्त, 2023 के फैसले में अपील दायर करने में 27 साल की देरी का हवाला देते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। हालांकि, राज्य ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय मामले की योग्यता पर विचार करने में विफल रहा और केवल देरी के आधार पर अपील खारिज कर दी।
2021 को दी गई अपील की मंजूरी
अपील की मंजूरी एलजी द्वारा 30 जून, 2021 को दी गई और फाइल 18 जुलाई, 2021 को स्थायी वकील के कार्यालय में पहुंची। हालांकि, आपराधिक अवकाश याचिका केवल 2023 में दायर की गई थी। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने कहा कि यह मामला मानवता के खिलाफ अपराध है और 1971 में पाकिस्तानी समर्थकों द्वारा बांग्लादेशी नागरिकों की सामूहिक हत्या से संबंधित इसी तरह के मामले में बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियां प्रासंगिक हैं।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगे
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, दिल्ली में 31 अक्टूबर 1984 से 3 नवंबर 1984 के बीच दंगे, लूटपाट और सिखों की हत्या की भयानक घटनाएं हुईं। इस दौरान आठ लोगों की मौत हो गई और एक घायल हुआ। इस दंगे में मारे गए लोगों में अवतार सिंह, जागीर सिंह, दर्शन सिंह, कुलवंत सिंह, बलदेव सिंह, श्रवण सिंह, बलविंदर सिंह और हरचरण सिंह शामिल थे, जबकि एक व्यक्ति धर्मेंद्र सिंह घायल हो गया।
वहीं, 12 आरोपियों में मैकाले राम, रमेश चंद्र शर्मा, बिशन दत्त शर्मा, देस राज गोयल, अनार सिंह, जगदीश प्रसाद शर्मा, महावीर सिंह, बालकिशन, धर्मपाल, ओम पाल चौहान, ज्ञान प्रकाश और वेद प्रकाश शामिल है।