नई दिल्ली: कतर में गिरफ्तार भारतीय नौसेना के पूर्व नेवी अफसरों की मौत की सजा पर रोक लग गई है। पिछले साल कतर में गिरफ्तार किए गए इन 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुना दी थी। इसके बाद भारत सरकार के द्वारा इसमें पैरवी भी की गई थी। इसी वजह से अदालत के फैसले पर रोक लगाई गई है।
जानकारी में बताया जा रहा है कि भारतीय नौसेना के ये सभी 8 ऑफिसर पिछले साल अगस्त से ही कतर की जेल में बंद कर रखे गए हैं। कतर ने अभी तक इन सभी पूर्व सैनिकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की भारत सरकार को जानकारी नहीं दी है। मामले से परिचित लोगों का कहना है कि इन सभी पर जासूसी का आरोप लगाकर यह सजा सुनाई दी गई थी।
“We have noted the verdict today of the Court of Appeal of Qatar in the Dahra Global case, in which the sentences have been reduced…The detailed judgement is awaited….Our Ambassador to Qatar and other officials were present in the Court of Appeal today, along with the family… pic.twitter.com/ysjVhbisaK
— ANI (@ANI) December 28, 2023
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई बयान में कहा गया है कि दहरा ग्लोबल केस में गिरफ्तार पूर्व नेवी ऑफिसर को लेकर आज एक फैसला आया है। उस फैसले पर हमने गौर किया है। इसमें गिरफ्तार पूर्व नौ सैनिकों को दी गई सजा के बारे में फैसले पर गौर किया गया है। सभी की सजा कम कर दी गई है। कतर की कोर्ट ऑफ अपील के विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा की जा रही है। इसके बाद भारत का विदेश मंत्रालय इस संदर्भ में अगला कदम उठाएगा। इस निर्णय पर कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ विदेश मंत्रालय संपर्क बनाए हुए है।
आपको बता दें कि ये सभी लोग कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करने का काम पिछले कई सालों से करती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज बताया जाता है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताया करती है। रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल अजमी इस कंपनी के सीईओ कहे जाते हैं।
कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रिटायर्ड) भी शामिल हैं। इन्हें ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। कमांडर पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।