नई दिल्ली: मोदी सरकार (Modi Government) की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) के द्वारा 22 जनवरी को राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) से जुड़े आयोजनों के कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण (Live Broadcast) पर रोक लगाने तथा मंदिरों में पूजा, भजन, प्रसाद व अन्नदान जैसे कार्यक्रमों की अनुमति न दिए जाने से नाराजगी जाहिर की है। वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया (Social Media) एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्स पर अपनी पोस्ट लिखते हुए लिखा है कि तमिलनाडु सरकार 22 जनवरी को भगवान श्रीराम से जुड़े कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण को देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आपको पता होगा कि तमिलनाडु में भगवान श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं। तमिलनाडु सरकार हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग द्वारा प्रतिबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा, भजन, प्रसाद और अन्नदान की अनुमति नहीं दे रही है।
तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी 2024 को होने वाले #AyodhaRamMandir कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।
तमिलनाडु में प्रभु श्री राम के 200 से ज़्यादा मंदिर हैं। HR&CE द्वारा प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी प्रकार की पूजा, भजन, कीर्तन, प्रसादम एवं…
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) January 21, 2024
इतना ही नहीं पुलिस निजी तौर पर संचालित मंदिरों में भी कार्यक्रम आयोजन पर रोक लगा रही है और आयोजकों को धमकी दे रही है कि पंडाल को तोड़ देंगे। इस हिंदू विरोधी संस्कृति और सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तमिलनाडु के कई हिस्सों में दिल दहला देने वाले हालात देखने को मिल रहे हैं। लोगों को भजन कार्यक्रम आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयां बांटने, खुशी मनाने से रोका जा रहा है और धमकाया जा रहा है, जबकि वे सब माननीय मोदी जी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करते हुए देखना चाहते हैं।
इतना ही नहीं केवल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली बंद होने की संभावना है। एक तरह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तमिलनाडु सरकार लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंधित करके संदेश देना चाहते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है, हालांकि यह एक झूठी और फर्जी कहानी है।
अयोध्या मामले के फैसले के दिन कानून व्यवस्था में कोई समस्या नहीं थी तो ऐसे में शिलान्यास में क्या हो सकता है। प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को मनाने की तैयारी और लोगों के धार्मिक भावना के उत्पन्न को देखकर हिंदू विरोधी डीएमके सरकार परेशान हो गई है। इसीलिए इस तरह के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
वहीं डीएमके सरकार के मंत्री शेखर बाबू ने वित्त मंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा है कि वित्त मंत्री द्वारा इस तरह की गलत जानकारी दी गई है। तमिलनाडु सरकार ने भगवान राम की पूजा के लिए किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निर्मला सीतारमण वित्तमंत्री जैसे जिम्मेदार पद बैठकर अफवाहें फैला रही हैं, जो पूरी तरह सत्य के विपरीत है।