अहमदनगर: संसार का सबसे बड़ा राम भक्त हनुमान (Hanuman) जी को कहा जाता है। इतना ही नहीं बल्कि पुराणों के मुताबिक, शक्ति के बिंदु के रूप में हनुमान जी को माना जाता है, लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra Viral News) में एक ऐसा गांव है जहां हनुमान जी के नाम का दूर-दूर तक कोई जिक्र नहीं किया जाता। यहां सिर्फ एक ही भगवान की पूजा की जाती है। जानते है इस गांव के बारे विस्तार से..
यहां होती है राक्षस की पूजा
महाराष्ट्र के अहमदनगर (Ahmednagar News) जिले में दैत्यनांदूर (Daityanandur Village) एक ऐसा गांव है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां राक्षस की पूजा की जाती है। दरअसल यह देश का एकमात्र गांव है जो इस तरह से दैत्य की पूजा करता है और इस गांव में श्री निंबा दैत्य (Nimba Daitya) महाराज का यात्रा उत्सव भी आयोजित किया जाता है। यह यात्रा दो दिन यानी गुड़ी पड़वा और उसके दूसरे दिन के लिए गांव के लोगों द्वारा आयोजित की जाती है।
मनोकामना पूरी
आपको बता दें कि अहमदनगर जिले के इस गांव की एक अनोखी महिमा है और इस गांव के दैत्य महाराज देवता हैं। इस गांव में हनुमान जी का नाम नहीं लिया जाता। इस गांव में जो भी हनुमान जी का नाम लेता है उसे एक अजीब अनुभव होता है। अहमदनगर के पाथर्डी तालुका का दैत्यानंदुर गांव ऐसा है गांव है जहां दैत्य महाराज का मंदिर है और गांव वाले पूरे साल दैत्य की ही पूजा करते हैं। यह गांव दैत्य के नाम से जाना जाता है। इन सब में खास बात यह है कि इस राक्षस की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। ऐसा कहा जाता है।
मान्यताओं के अनुसार
इस मंदिर को लेकर पुराण में जानकारी दी गई है। पुराण में बताया गया है, निम्बा दैत्य और हनुमान के बीच भयंकर गदा युद्ध हुआ था। इस युद्ध में दोनों घायल हो गए। निम्बा दैत्य भगवान राम का आह्वान करते हैं। इससे हनुमान आश्चर्यचकित हो जाते हैं। भगवान राम आते हैं और निंबादैत्य को ठीक करते हैं और वरदान देते हैं, तुम्हारा नाम इस गांव में जाना जाएगा। आपका मंदिर भी बनेगा। राम को वर देने के बाद निम्बादित्य कहते हैं, आपने हनुमंत से कहा था कि हर गांव में उनका एक मंदिर होगा। तो यह कैसा रहेगा? इस पर भगवान राम कहते हैं, गांव आपका है। यहां न तो हनुमान का मंदिर होगा और न ही उनके नाम का उल्लेख होगा। इस मान्यता के मुताबिक, आज भी इस गांव में हनुमान जी का नाम नहीं लिया जाता।
हनुमान नाम से दूरी
इतना ही नहीं बल्कि इस गांव में बच्चे का नाम भी मारुति या हनुमान नहीं रखा गया है। बता दें कि दैत्य नांदुर गांव आज भी रामायण काल की इस प्रथा का पालन करता है। हालांकि यहां के भूमिपुत्र अगर अमेरिका में रहते हो लेकिन उनके घर में निंबादैत्य की एक तस्वीर होती ही है। गांव में घरों, कारों और दुकानों का नाम श्री निंबादैत्य के नाम पर रखा गया है। यहां निंबादैत्य ग्रामीणों के श्रद्धास्थान है।