Mahadev Jankar and Sanjay Jadhav on Parbhani Lok Sabha Seat
महादेव जानकर और संजय जाधव

परभणी सीट को शिवसेना का गढ़ कहा जाता है। इस सीट से इस चुनाव में महायुति महादेव जानकर और दो बार के शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय जाधव के बीच मुकाबला है।

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नवभारत डिजिटल टीम: महाराष्ट्र (Maharashtra) की कुल 48 लोकसभा सीटों में सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक परभणी (Parbhani) में तमाम राजनीतिक दल अपना पूरा जोर आजमा रहे हैं। यहां सत्तारूढ़ महायुति (Mahayuti) और विपक्ष महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) अपने-अपने उम्मीदवारों का जमकर प्रचार कर रहे हैं। महायुति ने अपने सहयोगी और राष्ट्रीय समाज पार्टी के प्रमुख महादेव जानकर (Mahadev Jankar) को इस क्षेत्र से उम्मीदवारी दी है। जहां उनका मुकाबला मौजूदा शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय जाधव (Sanjay Jadhav) से है।

कांग्रेस का रहा दबदबा
परभणी सीट को शिवसेना का गढ़ कहा जाता है। जब से अशोक देशमुख शिवसेना के टिकट पर लोकसभा पहुंचे हैं, तब से केवल 1998 के चुनाव को छोड़कर यहां से सिर्फ शिवसेना का सांसद लोकसभा पहुंचा है। लेकिन इस सीट पर कभी पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) और कांग्रेस पार्टियों का कब्जा था। पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया के दो सांसद- नारायणराव वाघमारे और शेषराव देशमुख इसी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा गए थे। जबकि, कांग्रेस के नागोराव पंगारकर, शिवाजीराव देशमुख, रामराव नारायणराव यादव, सुरेश वरपुडकर लोकसभा के लिए चुने गए थे।

शिवसेना ने भेद दिया कांग्रेस का गढ़
1952 में यहां हुए पहले लोकसभा चुनाव में पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया के नारायणराव वाघमरे ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1957 में कांग्रेस के नागोराव पंगारकर ने परभणी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। तब से 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा रहा। लेकिन 1977 में पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया ने इस सीट पर जीत दर्ज की। लेकिन 1980 और 1984 में यह सीट फिर से कांग्रेस के हाथ आई। तब इस सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। लेकिन 1989 में अशोक देशमुख ने निर्दलीय चुनाव लड़ कांग्रेस को बड़ा झटका दिया। इसके बाद 1991 में अशोक देशमुख ने शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के गढ़ को भेद दिया। इसके बाद सिर्फ 1998 में कांग्रेस के कब्जे में यह सीट गई लेकिन इसके बाद यह सीट कांग्रेस को नसीब नहीं हुई।

एकनाथ शिंदे की बगावत नहीं पड़ा असर
शिवसेना में विभाजन के बाद यह सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास है। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद परभणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और लोकसभा क्षेत्र के सांसद दोनों ही उद्धव ठाकरे के प्रति वफादार रहे। जिसके चलते एकनाथ शिंदे की बगावत का असर इस लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों पर नहीं पड़ा।

लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट
परभणी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आती हैं। इनमें जिंतूर, परभणी, गंगाखेड़, पाथरी, परतूर और घनसागंवी शामिल हैं। परभणी में शिवसेना (यूबीटी) का विधायक है। वहीं, पाथरी में कांग्रेस, घनसावंगी में एनसीपी (शरद पवार गुट) का विधायक है। इसके अलावा गंगाखेड़ में राष्ट्रीय समाज पक्ष के रत्नाकर गुट्टे विधायक है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बालासाहेब ठाकरे को मानने वाले लोग है जिसका फायदा संजय जाधव को हो सकता है।

संजय जाधव ने 2014 और 2019 में दर्ज की बड़ी जीत
संजय जाधव इस क्षेत्र से दो बार के सांसद है। 2019 के चुनाव में संजय जाधव ने जाधव संजय 5,38,941 वोट हासिल करते हुए 42,199 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने एनसीपी (अविभाजित) के राजेश उत्तमराव विटेकर को हराया, जिन्हें 4,96,742 वोट मिले थे। वहीं, 2014 के चुनाव में जाधव को कुल 5,78,455 वोट मिले थे। उन्होंने एनसीपी (अविभाजित) के विजय माणिकराव भांबले को 1,27,155 वोट से हराया था, जिन्हें 4,51,300 वोट मिले थे।