Chhagan Bhujbal

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नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई: राज्य में पांचवे व अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद भी नासिक, ठाणे एवं मुंबई की सीटों पर महायुती का उम्मीदवार न घोषित किए जाने पर महागठबंधन के नेताओं में भी असंतोष का माहौल दिखाई देने लगा है। महायुती के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) का कहना है कि राज्य में महायुति की डगर कठिन नजर आ रही है। नासिक लोकसभा सीट से संभावित उम्मीदवारी के लिए अड़े छगन भुजबल ने रविवार को बड़ा बयान दिया। गठबंधन के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र में एनडीए के लिए यह उतना आसान नहीं होगा। क्योंकि इस बार उद्धव ठाकरे और शरद पवार के पक्ष में सहानुभूति की लहर है।

एनडीए को नुकसान पहुंचा रहा नारा
राज्य में दो चरण का चुनाव समाप्त होने के बाद एक निजी चैनल को दिये एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में भुजबल ने एनडीए के नारे ‘अब की बार 400 पार’, नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से पीछे हटने के अपने फैसले आदि मुद्दों पर बात करते हुए महायुती पर ही तंज कसा। भुजबल ने कहा, 400 पार का नारा नुकसान पहुंचा रहा है। इस पर विपक्ष का अभियान जोरदार है, लोगों को लगता है कि यह नारा संविधान बदलने के बारे में है। हालांकि, पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं कि संविधान कोई नहीं बदल सकता।

सुप्रिया सुले और सुनेत्रा को आमने-सामने नहीं…
शरद पवार के गढ़ बारामती में ननद-भौजाई के मुकाबले को लेकत भुजबल ने भावुक होते कहा कि, यहां तक कि मेरे लिए भी यह दुखद है कि जो लोग इतने सालों तक एक ही घर में एक साथ रहते हैं, वे विरोध में खड़े हैं। जो हो रहा है वह, कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। भुजबल ने कहा कि गलती किसकी है, यह अलग बात है. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो बहुत अच्छा होता।

सहयोगियों में खींचतान
नासिक, ठाणे व मुंबई की सीटों को लेकर महायुती में चल रही खींचतान से भुजबल नाराज दिखे। भुजबल ने कहा कि उन्होंने टिकट नहीं मांगा था, लेकिन होली के दौरान राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें कहा था कि वे नासिक से चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा, इस बात की चर्चा दिल्ली में सहयोगी दलों के बीच देर रात हुई बैठक में भी हुई थी। भुजबल ने कहा कि नासिक में हमारा आधार है। यहां से बेटा सांसद भी रहा है। हालांकि भुजबल ने कहा कि अब वे नासिक में टिकट की दौड़ से बाहर हैं।