Priyanka Chaturvedi

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मुंबई: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मुंबई (Mumbai) की 6 लोकसभा सीटों सहित महाराष्ट्र की कुल 13 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों के लिए 20 मई को मतदान होने हैं। मुंबई में उम्मीदवार अपना पर्चा दाखिल करने लगे हैं। इन चुनावी सरगर्मियों के बीच शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की सांसद (राज्यसभा) प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) सोमवार को सदिच्छा भेंट हेतु नवभारत कार्यालय पहुंची।  जहां उन्होंने नवभारत की टीम के साथ चर्चा में मौजूदा चुनावी माहौल को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और बेबाकी से सवालों के जवाब भी दिए। 

असली और नकली शिवसेना को लेकर बहस चल रही है, बीजेपी पर आपका क्या कहना है?
बीजेपी ने देश के संविधान और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को खत्म करने का काम किया है। ये देश के लिए घातक हुआ है। गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी नया गठबंधन बना सकती है।  बीजेपी कश्मीर में पीडीपी को गले लगा सकते हैं, बिहार में पलटूराम नीतीश कुमार कभी यहां कभी वहां रहते हैं वो ठीक है। लेकिन हमने ये कर लिया तो इनको दिक्कत हुई। ये लोग संविधान को भी दरकिनार करने के लिए तैयार हो गए हैं। रही बात ‘मातोश्री’ के अस्तित्व की तो ‘मातोश्री’ का अस्तित्व था, है और रहेगा। शिवसेना पर ऐसा प्रहार पहली बार नहीं हुआ है।  लेकिन केंद्र की सरकार सत्ता का बल और धन का उपयोग करके षड्यंत्र रचती हो, ऐसा पहली बार हुआ है। ये जनता देख रही है। 

शिवसेना-कांग्रेस के गठबंधन को लेकर आपको नहीं लगता कि विचारधारा में बदलाव हुआ है। नेताओं का मनोमिलन हो गया है लेकिन क्या जनता भी…
लोग बालासाहेब और उनके बयान का जिक्र करते हैं। अमित शाह ने कहा था कि मैं पलटूराम के साथ वापस कभी भी गठबंधन नहीं करूंगा। लेकिन गठबंधन हुआ ना? हम एक सियासी दल हैं। जो लोग राजनीति से हमें खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, हमारे 25 साल पुराने गठबंधन का मान नहीं रखा, जो साहेब के बाद उनकी शिवसेना को हमारे साथ खड़े होकर खत्म करने का काम कर रहे थे, क्या हम उनके साथ बने रहते, उनके खिलाफ हमें गठबंधन नहीं बनाना चाहिए। विचारधारा की बात करें तो हमने औरंगाबाद का नाम छत्रपती संभाजी नगर एवं उस्मानाबाद का नाम धाराशिव, कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहने के दौरान किया ना? राम मंदिर के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जानेवाले उद्धव ठाकरे पहले सीएम थे, लेकिन हम इस पर राजनीति नहीं करते। उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि हमारा हिंदुत्व एक ही है, दिल में राम, हाथ को काम। जबकि मोदी सरकार ने तो महंगाई बढ़ा कर सबके मंगलसूत्र गिरवी रखवा दिए हैं। 

बीजेपी कहती है कि उद्धव के पुत्र मोह के कारण शिवसेना टूटी…
क्रिकेट का कोई तजुर्बा नहीं होने के बाद भी अमित शाह के पुत्र को बीसीसीआई का चेयरमैन बना दिया गया। अमित शाह के पुत्र मोह के कारण भारत क्रिकेट का विश्वकप हार गया।  इन्होंने पुत्र मोह में देश को झुका दिया। इसलिए पुत्र मोह नहीं बल्कि आपके सत्ता मोह के कारण पार्टी टूटी। 

सीएम रहने के दौरान उद्धव घर से बाहर नहीं निकलते थे…
उद्धव ठाकरे सीएम रहते काम नहीं कर रहे थे, ऐसा विरोधियों का आरोप बेबुनियाद है। पीएम मोदी खुद लोगों से घर में रहने की अपील करते थे। इसके बावजूद उद्धव के काम की वजह से पूरी दुनिया ने उनके धारावी मॉडल की सराहना की थी। महाराष्ट्र से लक्ष्मी निकाल कर गुजरात ले जाना आपका मकसद है। आप हमारी इंडस्ट्रीज ले जा रहे हैं। कोविड के बावजूद हम दावोस से 6 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट लाए थे, उसे धीरे-धीरे आप गुजरात ले जा रहे हैं। आपने महाराष्ट्र को अपनी कर्मभूमि या जन्म भूमि नहीं समझते हैं। जनता समझती है कि ये ‘पापी चाणक्य’ अधर्म कर रहे हैं। 

बालासाहेब कांग्रेस के घोर विरोधी थे. फिर यह गठबंधन क्यों?
बालासाहेब नहीं जानते थे कि बीजेपी हमारी पीठ में खंजर घोंपेगी। हम राजनीति के माध्यम से समाज सेवा करते हैं, लेकिन आपने हमें गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। 25 साल के गठबंधन के दौरान ज्यादातर समय हम विपक्ष में ही रहे। तब बीजेपी के पास सत्ता नहीं थी लेकिन जो आपके बुरे वक्त में आपके साथ खड़ा रहा, आपने अपना अच्छा टाइम आते ही उसके साथ इस तरह से विश्वासघात किया?  इनको जी हुजूरी करने वाले लोग चाहिए। आप इनके गठबंधन को देख लीजिए, कोई ऐसी पार्टी है जिनके नेता को देश की जनता जानती हो? कोई ऐसी पार्टी नहीं है जो सक्षम हो और पीएम पद पर दावेदारी कर सके।  

महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी कितनी सीटों पर जीत दर्ज करेगी?
मेरा विश्वास है कि राज्य की जनता गद्दारों को कड़ा संदेश सिखाएगी। शिवसेना और महाविकास आघाडी महाराष्ट्र में 25 से ज्यादा सीटें जीतेगी। 

हिंदुत्व की आड में बीजेपी महंगाई और बेरोजगारी पर पर्दा डाल रही है?
मोदी सरकार बार-बार हिंदुत्व का मुद्दा उछाल कर महंगाई, बेरोजगारी और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश कर रही है।