नवभारत डिजिटल डेस्क: चुनाव के दौरान महंगी हुई सब्जियों ने महिलाओं का बजट बिगाड़ दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि इसका असर मतदान के नतीजे में देखने को मिल सकता है। महिलाओं को साइलेंट वोटर माना जाता है। इस समय महंगी हुई सब्जियों की वजह से महिलाओं में नाराजगी देखने को मिल रही है। खुदरा मंडी में कुछ सब्जियों के दाम 60 से 80 रुपए किलो है। मंडी में धनिया की बड़ी जुड़ी 30 रुपए, मेथी 25 रुपए और शेपू 40 रुपए में मिल रही है। खुदरा बाजार में नए लहसुन आने के बावजूद लहसुन 250 रुपए किलो मिल रहा है। प्याज के दाम ने फिर रफ्तार पकड़ ली है।
जानकारों का मानना है कि गर्मी की वजह से सब्जी के दाम बढ़ रहे हैं। लेकिन इसका असर चुनाव के नतीजे पर भी देखने को मिलेगा। इस साल मार्च से ही गर्मी का प्रकोप नागरिक महसूस कर रहे है, जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इसके चलते सब्जियों की आवक कम और मांग अधिक होने से सब्जियों के दाम बढ़ गए है। परिणामस्वरूप महिलाओं का बजट बिगड़ गया है।
विशेष तौर पर हरी सब्जी धनिया, मेथी और शैंपू की कीमत अधिक बढ़ गई है। यह प्रमाण 20 से 25 प्रतिशत है। एक ओर सब्जियों के दाम बढ़ गए है तो दूसरी और दर्जा फिसल गया है। मंडी में धनिया की बड़ी जुड़ी 30 रुपए, मेथी 25 रुपए और शेपू 40 रुपए में मिल रही है। मंडी समिति में हरी सब्जियों के साथ शिमला मिर्च, भिंडी, गवार, गिलके, दोडका आदि सब्जियां 40 रुपए किलो मिल रही है। खुदरा मंडी में यह दाम 60 से 80 रुपए किलो है। ऐसे में टमाटर के दाम कम हो गए है। जिले में लहसुन का उत्पादन कम हुआ। इसके चलते पिछले कुछ दिनों से लहसुन के दाम भी बढ़ गए है। मंडी समिति में लहसुन 110 से 200 रुपए किलो मिल रहा है तो खुदरा मंडी में लहसुन 250 रुपए किलो मिल रहा है।
नासिक मंडी समिति में सब्जियों के दाम (प्रति किलो)
सब्जी दर
टमाटर 10
शिमला मिर्च 45
करेला 40
भेंडी 30
गवार 40 से 50
दोडका 45
गिलके 40
बैंगन 35
वाल पापडी 35