Siddhivinayak Mandir Dignostic Centre

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मुंबई: मुंबई के दादर स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Mandir) ट्रस्ट के डायग्नोस्टिक सेंटर (Diagnostic Centre) का काम तेजी से चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि सितंबर (September 2024) महीने के अंत तक डायग्नोस्टिक सेंटर की इमारत को कम्प्लीट कर दिया जायेगा। दादर (पश्चिम) गोखले रोड साऊथ के शैतान चौकी, जाखादेवी मंदिर के पास 9 मंजिल बनने वाले इस इमारत में श्री सिद्धिविनायक मंदिर का बहुप्रतीक्षित डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया जायेगा। इस इमारत का निर्माण मनपा करा रही है जिसे पूरी तरह बनाकर सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की सौप देगी।

सिर्फ 250 रूपये के शुल्क में डायलिसिस
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट राज्य के कई सरकारी अस्पतालों को अत्याधुनिक मशीनें देती आ रही है। इस ट्रस्ट में चिकित्सा के लिए लगभग 40 करोड़ रूपये का बजट है जिसमें कैंसर,हार्ट आदि के प्रत्येक रोगियों को 25 हजार रूपये दिया जाता है। सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के डायलिसिस सेंटर में सिर्फ 250 रूपये के शुल्क में डायलिसिस किया जाता है। इसके अलावा ट्रस्ट की ओर से कई सामाजिक उपक्रम भी चलाये जाते हैं।

कहां बन रहा है डायग्नोस्टिक सेंटर
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का जहां डायग्नोस्टिक सेंटर बनाया जा रहा है वहां पूर्व में मनपा की एलोपैथिक व आयुर्वेदिक दवाखाना थी जिसे अजीर्ण अवस्था के बाद बंद कर दिया गया था। स्थानीय समाजसेवी भाई मयेकर के नेतृत्व में स्थानीय रहिवासियों ने इस स्थान पर हॉस्पिटल बनाने के लिए आंदोलन भी कर चुके हैं। श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की पूर्व अध्यक्ष विशाखा राऊत के कार्यकाल के समय इस स्थान पर डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया था। डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू होने से मरीजों को एमआरआई,सोनोग्राफी,एक्सरे जैसी अन्य जांच की सुविधाएं काफी कम दरों पर उपलब्ध होगी।

क्या है लोगों की राय
जितेंद्र कांबले (स्थानीय निवासी) का मानना है कि सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू होने से निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूट खसोट बंद होगी। मुंबई के लोगों के लिए यह बेहतर प्रयास है। प्रकाश पासी को लगता है कि दादर जैसे क्षेत्र में सरकारी अस्पताल नहीं है, इसलिए लोगों को केईएम जाना पड़ता है। इस बिल्डिंग में साधारण उपचार की भी व्यवस्था होनी चाहिए। सभाजीत शर्मा का कहना है कि डायबिटीस जैसी बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इमारत में एक फ्लोर डायबिटीस रोगियों के इलाज के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए।