Savitri Jyotiba phule prasuti gruh bhandup

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मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां अस्पताल में बिजली गुल हो जाने की वजह से चिकित्सकों ने टॉर्च की रोशनी (Torch Light) में महिला के प्रसव (Operation) की कोशिश की जिसमें महिला (woman) और नवजात (new born) दोनों की मौत (Death) हो गई। इस चौंकाने वाली घटना के बाद मृतक के परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर है और मुंबई के सरकारी अस्पतालों पर सवालिया निशान उठ खड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व गुरु बनने की कोशिश कर रहा है। वहीं राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन मुंबई में हुई यह घटना सरकारी दावों को मुंह चिढ़ाते हुए नजर आ रही है। 

भांडुप की महिला बनी लापरवाही का शिकार 
उत्तर पूर्वी मुंबई के अंतर्गत भांडुप इलाके से यह घटना सामने आई है, जहां सावित्रीबाई फुले प्रस्तुति गृह (Savitri Jyotiba phule prasuti gruh) में भांडुप (bhandup) की रहने वाली सोदीनिशा अंसारी को प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती कराया गया था। सूत्रों का कहना है कि उसके सामान्य प्रसव की कोशिश चिकित्सकों ने की, लेकिन उसमें दिक्कत होने के कारण रात करीब 11:30 बजे चिकित्सकों ने सिजेरियन का फैसला किया और उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। 

जेनेरेटर नहीं कर रहा था काम 
सर्जरी के दौरान ही अस्पताल की बिजली गुल हो गई। इसके बाद मेडिकल स्टाफ की अफरा तफरी में नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। उसके बाद आनन-फानन में महिला को साइन अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन सायन अस्पताल पहुंचने पर महिला की भी मौत हो गई। अस्पताल परिसर में मौजूद लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक बिजली गुल होने के बाद अस्पताल का जनरेटर काम नहीं कर रहा था और इसी वजह से चिकित्सकों को परेशानी का सामना करना पड़ा और टॉर्च की रोशनी में ही महिला के प्रसव का फैसला किया गया। 

अस्पतालों में लापरवाही पर उठा सवाल 
जच्चा बच्चा की मौत के बाद मृतका के परिजन ने अस्पताल में हंगामा भी किया और अस्पताल प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल उठाए जा रहा हैं। हालांकि इस मामले में जांच समिति का गठन किया गया है। महानगरपालिका के स्वास्थ्य कार्यकारी अधिकारी ने इस मामले के संज्ञान में आते ही एक विशेष समिति गठित की है। जो इस मामले की जांच करने वाली है। आपको बता दें कि मुंबई में इस तरह की यह घटना पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है। जहां सर्जरी के दौरान चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की लापरवाही का सबूत मिला है।