Covishield Vaccine

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मुंबई: कोविशील्ड (Covishield) का साइड इफेक्ट (Side Effect) इस समय चर्चा में बना हुआ है। कोविड महामारी जाने के बाद कमर दर्द की शिकायत में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसके लिए लोगों को ऐसा लगने लगा कि ये कोविड वैक्सीन (covid vaccine) कोविशील्ड (Covishield) का साइड इफेक्ट है। इस बात में कितनी सच्चाई है ये जानने के लिए नवभारत ने डॉ नादिर शाह से बातचीत की। 

देशभर में इस समय कोविशील्ड को लेकर एक डर का माहौल लोगों में साफ दिखाई दे रहा है। दरअसल कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने यह दावा किया है कि हार्टअटैक के तौर पर इसके साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं और उसी के बाद से भारत में भी लोग डरे हुए हैं, क्योंकि भारत में करीब 2 अरब 21 करोड़ कोविशील्ड की डोज लोगों को दी गई थी। ताजा मामले की अगर बात करें तो इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। जिसमें साइड इफेक्ट होने पर पीड़ित को सरकार की तरफ से मुआवजा मिलने की मांग की गई है। 

घबराने की जरूरत नहीं 
कोविशील्ड को लेकर इस समय भारत में चिंता देखने को मिल रही है। हालांकि सरकार की तरफ से अभी इस पर कोई भी बयान सामने नहीं आया है। सभी इंतजार कर रहे हैं कि सरकार की तरफ से इस मामले पर कोई बयान आना चाहिए। कुछ समय पहले तक देश भर में बढ़ रही कमर दर्द की समस्या को लेकर भी इस तरह की खबर सामने आई थी कि यह कोविशील्ड का ही साइड इफेक्ट है। जिसकी वजह से लोगों में कमर दर्द की समस्या है तेजी से बढ़ती हुई देखने को मिल रही है। जानकारों का मानना है कि साइड इफेक्ट टीका लगने के कुछ समय बाद ही दिखाई पड़ने लगता है और अब लंबा समय बीत गया है। ऐसे में ज्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है।  

कमर दर्द को बताया जा रहा है कोविशील्ड का साइड इफेक्ट

इस विषय पर बात करते हुए  डॉ. नादिर शाह ने बताया, कमर दर्द यानी बैकएक यह एक मैकेनिक बीमारी है इसका पैथोलॉजी से कोई लेना-देना नहीं है। यह हमें किसी वायरस की वजह से नहीं होती बल्कि हमारी बॉडी मूवमेंट में आई कमी के कारण यह बीमारी आजकल आम होती जा रही है। अगर हम 50 या 100 साल पीछे चले जाएं तो उस वक्त इंसान आज की तुलना में ज्यादा चलता था, इसीलिए वह स्वस्थ रहता था। आज संसाधन ज्यादा हो गए हैं और लाइफ बहुत तेज हो गई है। इस वजह से हमारा चलना फिरना कम हो गया है और बॉडी मूवमेंट कम होने की वजह से बैकएक का चलन आजकल बढ़ता जा रहा है। लेकिन कोविशील्ड की अगर बात करें तो वायरस से रिलेटेड जब कोई भी वैक्सीन बनाई जाती है और वह जब इंसानी शरीर में इंजेक्ट की जाती है, तो उसका असर इंसानी शरीर के मसल्स पर भी पड़ता है। लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि कोविशील्ड के साइड इफेक्ट की वजह से ये समस्या लोगों में देखने को मिल रही है। कोविड वैक्सीन के पहले भी कई सारी ऐसी वैक्सीन थी। जो इंसानों को दी गई है। लेकिन उनसे इस तरह के साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले इसका मतलब साफ है कि कोविड वैक्सीन का ये साइड इफेक्ट नहीं है।