नवभारत डिजिटल टीम: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है। राधिका खेड़ा (Radhika Kheda Resign) ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं। राधिका ने कहा कि ‘मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं।” उन्होंने कहा कि अपने और देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी। हाल ही में राधिका का पिछले दिनों के वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह रोती हुई नजर आ रही थीं।
Congress leader Radhika Khera resigns from the primary membership of the party pic.twitter.com/Y5dahLeR8p
— ANI (@ANI) May 5, 2024
इस्तीफे पर क्या बोलीं राधिका खेड़ा
कांग्रेस से अपने इस्तीफे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा कहा, ‘राम लला की जन्मस्थली श्री अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं खुद को वहां जाने से नहीं रोक सकी। लेकिन मैंने जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि वहां जाने पर मुझे इतना विरोध झेलना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया, मुझे वहां धक्का देकर कमरे में बंद कर दिया गया। मैं छोटे से लेकर बड़े से बड़े नेतृत्व तक चीखती-गिड़गिड़ाती रही, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला।’ राधिका ने कहा, ‘आज मैंने अपने पार्टी पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि रामलला मुझे न्याय जरूर देंगे।’
#WATCH | On her resignation from Congress, Congress National Media Coordinator Radhika Khera says, "I have never crossed the party line, I have worked with full devotion and honesty…Just because I visited Ayodhya, just because I am a Hindu, I am a follower of Sanatan Dharma, I… https://t.co/z2qbGjH5P8 pic.twitter.com/Fw1D2oipHJ
— ANI (@ANI) May 5, 2024
राधिका खेड़ा ने आगे कहा, ‘मैंने कभी पार्टी लाइन नहीं पार की, मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया है… सिर्फ इसलिए कि मैंने अयोध्या का दौरा किया, सिर्फ इसलिए कि मैं एक हिंदू हूं, मैं एक हूं सनातन धर्म के अनुयायी, मुझे न्याय नहीं मिला।’ उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या आपकी (कांग्रेस) लड़ाई रामलला से है या आपकी लड़ाई किसी राजनीतिक दल से है? इस पार्टी को फैसला करना होगा। मैंने 6 दिनों तक इंतजार किया और न्याय की गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए 22 साल बाद मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।