दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' से कथित तौर पर धन प्राप्त करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है। इस पर आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह भाजपा के इशारे पर केजरीवाल के खिलाफ एक और साजिश है। वे दिल्ली की सभी सात सीट पर हार रहे हैं और लोकसभा चुनाव में हार के डर से घबरा गए हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (VK Saxena) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से कथित तौर पर धन प्राप्त करने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ एनआईए (NIA) जांच की सिफारिश की है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने एनआईए जांच की सिफारिश को भाजपा के इशारे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक और साजिश बताया।
खालिस्तानी समूहों से मिली थी 1.6 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद
केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा कि सक्सेना को शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को कथित तौर पर देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद मिली थी। सक्सेना ने कहा, “शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के फॉरेंसिक परीक्षण सहित जांच की आवश्यकता है।”
पत्र में कहा गया है कि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से प्राप्त राजनीतिक धन से संबंधित है। यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार करने से एक दिन पहले आया है। केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
आप ने बताया दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक और साजिश
आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश भाजपा के इशारे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक और साजिश है। राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है।
आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह भाजपा के इशारे पर केजरीवाल के खिलाफ एक और साजिश है। वे दिल्ली की सभी सात सीट पर हार रहे हैं और लोकसभा चुनाव में हार के डर से घबरा गए हैं।”