देश में बदलाव की आंधी चल रही है: राहुल गांधी
सांसद राहुल गांधी (सौजन्य: पीटीआई फोटो )

राहुल गांधी ने दावा किया कि मोदी आदिवासियों की जमीन, पानी और जंगल अपने "खास दोस्त" अडानी को देना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हवाईअड्डे, बिजली और बुनियादी ढांचा पहले ही मोदी ने 22 से 25 अरबपतियों को दे दिया है।

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खरगोन : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान को बदलने और खत्म करने का मन बना लिया है और उनका यह कदम आदिवासियों और अन्य वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित कर देगा। मध्य प्रदेश के खरगोन लोकसभा क्षेत्र के सेगांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की सरकार बनते ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा और मनरेगा योजना के तहत दैनिक भत्ता 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “ये चुनाव संविधान और गरीबों को दिए गए आरक्षण को बचाने और भूमि, जंगल और रोजगार पर अधिकारों की रक्षा के लिए लड़े जा रहे हैं। लेकिन मोदी ने इसे (संविधान) बदलने और खत्म करने का मन बना लिया है।” खरगोन (आरक्षित) में 13 मई को मतदान होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ता में आने के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाएगा कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले। उन्होंने कहा, “केंद्र में सत्ता में आते ही हमारी सरकार किसानों का कर्ज माफ करेगी और मनरेगा भत्ता 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन करेगी।”

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यदि संविधान को खत्म कर दिया गया तो लोगों के अधिकारों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया, ”जमीन, जल, जंगल और आरक्षण पर आपका अधिकार खत्म हो जाएगा, सार्वजनिक क्षेत्र खत्म हो जाएगा और 20 से 25 अमीर लोगों का शासन शुरू हो जाएगा। (गौतम) अडानी जैसे अरबपति आपकी जमीन, पानी और जंगल चाहते हैं, जिसे छीनकर उन्हें सौंप दिया जाएगा ।”

गांधी ने दावा किया कि मोदी आदिवासियों की जमीन, पानी और जंगल अपने “खास दोस्त” अडानी को देना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हवाईअड्डे, बिजली और बुनियादी ढांचा पहले ही मोदी ने 22 से 25 अरबपतियों को दे दिया है। गांधी ने कहा, “मोदी पिछले 10 वर्षों में रोजगार प्रदान करने में विफल रहे हैं। आदिवासी नौकरियों के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। 22 अमीर लोगों के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए गए हैं जबकि आपका ऋण माफ नहीं किया गया है।”

गांधी ने कहा, “नरेन्द्र मोदी ने 22 लोगों को अरबपति बना दिया है। हम करोड़ों लोगों को लखपति बनाने जा रहे हैं।” उन्होंने आम लोगों और अति-अमीरों द्वारा कर भुगतान में कथित असमानता को भी रेखांकित किया। उन्होंने दावा किया, “जितनी रकम आप कर के रूप में चुकाते हैं, अडानी भी उतनी ही (राशि) कर के रूप में चुकाते हैं। देश के लोग जो कर चुकाते हैं उसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है।” गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी का भी मुद्दा उठाया।

उन्होंने आरोप लगाया, “नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को (सालाना) दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया है। लेकिन गलत वस्तु एवं सेवा कर और नोटबंदी के कारण छोटे स्तर के उद्योग और कारखाने बंद हो गए हैं, जबकि अडानी जैसे लोग (इन उपायों के कारण) लाभान्वित हो रहे हैं।” गांधी ने दावा किया कि देश में बेरोजगारी इस समय पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है।

उन्होंने दोहराया कि भाजपा आदिवासी लोगों को “आदिवासी” के बजाय “वनवासी” कहकर उनका अपमान कर रही है। उन्होंने कहा, “आदिवासी का मतलब है कि आप हिंदुस्तान के पहले स्वामी और असली मालिक हैं।”उन्होंने केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार द्वारा लागू वन भूमि अधिकार अधिनियम जैसी विभिन्न पहलों को याद किया।

उन्होंने कहा, “वे आपको मजदूर बनाने के लिए आपके जंगलों को नष्ट कर रहे हैं।” गांधी ने कहा कि कांग्रेस देश में करोड़ों लोगों को “लखपति” बनाने की इच्छुक है। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन सरकार गरीब महिलाओं को लखपति बनाने के लिए उनके खातों में हर साल एक लाख रुपये जमा करेगी। गांधी ने कहा, “महालक्ष्मी योजना के तहत, एक गरीब महिला को तब तक एक लाख रुपये (सालाना) दिए जाएंगे, जब तक उसका परिवार गरीबी से बाहर नहीं आ जाता, यानी उसे 8,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे।”

(एजेंसी)