Unmesh Patil and Smita Wagh

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चालीसगांव: जलगांव लोकसभा चुनाव अंतिम पड़ाव की दिशा में बढ़ रहा है। इसके साथ ही हार जीत की चर्चा मतदाताओं के सिर चढ़कर बोल रही है।भाजपा से नाराज उन्मेष पाटील नेसत्ताधारी दल से इस्तीफा देकर शिवसेना (उबाठा) का दामन थामा है। साथ ही पारोला नगर परिषद के नगराध्यक्ष करण पवार को साथ लेकर ज़िले में भाजपा को कमजोर करने की कोशिश करते हुए भाजपा के सामने कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। जलगांव में चर्चा हो रही है कि क्या उन्मेष पाटिल किंग मेकर बनेंगे या स्मिता वाघ हासिल करेंगी फतह।

आज भी भाजपा में कई ऐसे कार्यकर्ता हैं, जो भाजपा के साथ में हैं लेकिन उन्मेष पाटील को चाहते हैं। इसका असर स्मिता वाघ की वोटिंग पर दिखाई देगा या नहीं यह प्रश्न जनता के मन में हलचल मचा रहा है। करण पवार को जिले में डॉ. सतीश पाटील जैसे कद्दावर नेता का साथ मिला है, उन्मेष पाटील का सहयोग और खुद नगराध्यक्ष रहते वक्त किये पारोला में कार्य की वजह से उन्हें पारोला तहसील में जोरदार समर्थन हासिल है।

उन्मेष पाटील के लिए लोकसभा चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। चालीसगांव विधानसभा क्षेत्र से उन्मेष पाटील उनकी धर्मपत्नी को मैदान में उतारना चाहते हैं। जहां पर उनका सीधा मुकाबला भाजपा के मंगेश चौहान से होगा। चालीसगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विधायक मंगेश चौहान और वर्तमान सांसद उन्मेष पाटील की किस्मत का फैसला करेगा कि दोनों में से कौन किंग मेकर बनकर उभरता है।

वहीं भाजपा की स्मिता वाघ को इस चुनाव में निर्वाचित कराने में चालीसगांव के विधायक मंगेश चौहान ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। जलगांव लोकसभा सीट पर इस चुनाव में भाजपा के साथ ही मंत्री गिरीश महाजन और विधायक मंगेश चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस वक्त दोनों नेताओं को अपना पलड़ा भारी करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। फिर जनमत तय करेगा की किसका पलडा भारी है और कौन पंढरपुर की वारी करेगा।