कानून का सहारा लेकर देशमुख ने ईडी को दिखाया दम

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    यदि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और भी कुछ समय तक ईडी को इसी तरह छकाते रहे तो इस केंद्रीय एजेंसी का डर निकल जाएगा. इसके बावजूद नतीजा चाहे जो भी निकले, अंत में जीत कानून की ही होगी. अवैध धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अनिल देशमुख को 5 बार तलब कर चुका है लेकिन विभिन्न कारण बताते हुए वे पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में पेश नहीं हुए. अब ईडी उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की तैयारी कर रहा है. दूसरी ओर देशमुख का कहना है कि मैं कानून का पालन कर रहा हूं और जब चाहूं, ईडी का सामना कर सकता हूं. लेकिन ईडी मामले में मेरी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है, सुको ने भी मुझे लोअर कोर्ट में जाने की इजाजत दे दी है, इसलिए अब कोर्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही मैं व्यक्तिगत रूप से ईडी के सामने जाऊंगा और उनका पूरा सहयोग करूंगा. 

    कोर्ट की प्रक्रिया चलने तक समन न भेजें

    देशमुख ने कहा कि मैंने अपने पूरे राजनीतिक और सामाजिक जीवन में उच्च आदर्शों का पालन किया है इसलिए जब तक कोर्ट की प्रक्रिया चल रही है, मुझे समन न भेजा जाए. देशमुख की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीआरपीसी के तहत जमानत के लिए आवेदन करने को कहा है. इसके लिए स्थानीय अदालत में जाने को कहा है इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाना चाहिए. जाहिर है कि ईडी के समक्ष जाना टालने के लिए अनिल देशमुख कानून का सहारा ले रहे हैं. न्याय एवं अदालतों की सारी प्रक्रिया कानून के मुताबिक ही चलती है. कहा भी जाता है कि न्याय में देर है, अंधेर नहीं है. देशमुख ने कानून पालन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है लेकिन साथ ही कानूनी मुद्दे पर ईडी को अपना दम भी दिखाया है. जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक ईडी जबरदस्ती भी तो नहीं कर सकता. देशमुख कभी न कभी ईडी के सम्मुख पेश होंगे लेकिन उसके पहले तक वे सारे कानूनी दांवपेंच की यथासंभव आड़ लेते रहेंगे.

    नई कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई

    देशमुख ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार कर लिया है जिस पर शीघ्र ही सुनवाई होगी. सुको ने उन्हें निचली अदालत में जाने की अनुमति दे दी है. इसके परिणामस्वरूप नई कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है. जब संपूर्ण प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी तब वे खुद ईडी के सामने हाजिर हो जाएंगे. गत 16 अगस्त को मनी लान्ड्रिंग मामले में कार्रवाई से अंतरिम राहत देने की देशमुख की अपील सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी थी लेकिन उनकी सीआरपीसी (अपराध व्यवहार संहिता) के तहत उपाय खोजने की अनुमति दे दी थी.