mamta banerjee
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    बंगाल में समय-चक्र उल्टा घूमने लगा. विधानसभा चुनाव के समय टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं को रोक पाना ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती थी लेकिन अब हालत यह है कि वही नेता बीजेपी छोड़कर वापस टीएमसी में आने के लिए तड़फड़ा रहे हैं. इन नेताओं का राजनीतिक अंदाजा चूक गया. चुनाव के पहले उन्हें ऐसा लगा था कि बीजेपी अपना विजय रथ आगे बढ़ाते हुए आसानी से बंगाल जीत लेगी इसलिए मौकापरस्ती दिखाते हुए टीएमसी के कुछ नेता-कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए थे. सारे अनुमानों और एग्जिट पोल को धता बताते हुए ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने विधानसभा की कुल 292 में से 213 सीटें जीत लीं. जीत के सभी साथी होते हैं, हार या विफलता कोई नहीं पचा पाता! अब टीएमसी के इन बागियों ने बीजेपी को राम-राम कर अपनी मूल पार्टी में लौटना तय किया है.

    अनेक दिग्गज लौटने की फिराक में

    अब पूर्व विधायक सोनाली गुहा, सरला मुर्मू, अमल आचार्य और फुटबॉल खिलाड़ी दीपेंदु बिस्वास बीजेपी छोड़कर पुन: टीएमसी में वापसी के इच्छुक हैं. दीपेंदु बिस्वास ने कहा कि बीजेपी में शामिल होना उनका एक बुरा फैसला था. विधानसभा चुनाव में टीएमसी से उम्मीदवारी नहीं मिलने के कारण बिस्वास बीजेपी में शामिल हो गए थे. वे उत्तर 24 परगना बशीरहाट दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं. अब उनका कहना है कि मेरा फैसला गलत था, अब मैं वापस लौटना चाहता हूं. पद छोड़ने का मेरा निर्णय भावनात्मक था. मुझे निष्क्रिय होने का डर था. मेरी बशीरहाट क्षेत्र के लिए काम करने की इच्छा है. ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद इन पार्टी छोड़ने वालों को होश आ गया. उन्हें यह भी लगता है कि बीजेपी में रहने पर उनको दोहरा नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्हें गद्दार मानकर मुख्यमंत्री उनके चुनाव क्षेत्रों के विकास में कोई मदद नहीं देंगी, दूसरी ओर बीजेपी के सीनियर लीडर भी उनकी कोई कद्र नहीं करेंगे. वे न इधर के रहेंगे, न उधर के! ऐसी हालत में वे ममता बनर्जी के हाथ-पैर जोड़कर माफी मांग कर किसी भी तरह टीएमसी में लौटना चाहते हैं. इनकी हालत कुछ ऐसी है कि जान बची और लाखों पाए, लौट के बुद्धू घर को आए.

    बीजेपी सांसद भी पाला बदल सकते हैं

    2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर सांसद चुने गए लोग भी बंगाल की हवा देख रहे हैं, जो ममता के पक्ष में बहने लगी है. वे अपनी सुरक्षा और राजनीतिक भविष्य को देखते हुए टीएमसी में आना चाहते हैं. टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि बीजेपी के 3-4 सांसद तथा 7-8 विधायक भी पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं लेकिन इन लोगों को काफी विचारपूर्वक तथा जांच-परख के बाद ही टीएमसी में वापस लिया जाएगा. इस मामले में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ही करेंगी.