अभी रिटायर्ड बैंक कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन जितनी पेंशन दी जाती है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की 73वीं वार्षिक सर्वसाधारण सभा में कहा कि सेना के समान ही सरकारी बैंकों के निवृत्त कर्मचारियों के लिए भी वन रैंक वन पेंशन की सुविधा लागू करने पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. अभी रिटायर्ड बैंक कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन जितनी पेंशन दी जाती है. 1990 के दशक में तय हुआ था कि पेंशन की मर्यादा 10,000 रुपए तक रहनी चाहिए. अब महंगाई बढ़ी है और 30 वर्षों में बहुत बदलाव आ गया है, इसलिए पेंशन योजना में सुधार की मांग की जाती रही है. सरकार के निर्णय के बाद उसका लाभ 1986 से 2010 के बीच निवृत्त हुए बैंक कर्मचारियों को मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक अपने निवृत्त कर्मचारियों के हित का विचार करें ताकि उन्हें लगे कि उनकी उपेक्षा नहीं की जा रही है. बैंक पारिवारिक पेंशन का भी विचार करें और देखें कि निवृत्त कर्मी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी या पति को मिलने वाली पेंशन, सरकारी पेंशन जितनी ही हो. बैंकों की आर्थिक स्थिति इस समय नाजुक है. वन रैंक वन पेंशन लागू करने से उन पर आर्थिक बोझ पड़ेगा, इसलिए यदि यह योजना लागू करनी है तो बैंकों को सरकारी सहायता मिलनी चाहिए.