अकोला के 5 युवकों ने बनाई पानी पर चलनेवाली बाइक

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  • 3 वर्षों से जारी शोध को मिली सफलता

अकोला. खारे पानी पर बाइक चलाने का विचार स्थानीय युवकों के दिमाग में दौड़ने लगा. कौलखेड़ क्षेत्र के रहनेवाले तथा स्थानीय आरएलटी विज्ञान महाविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे यश जायले ने पहल कर चार दोस्तों की मदद से खारे पानी पर चलने वाली बाइक बनाने में सफलता प्राप्त की है. उन्होंने अगले चरण में चौपहिया वाहन तक ले जाने का इरादा जताया है. इस वक्त पेट्रोल के दाम 100 रू. प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं.

एक सस्ते ईंधन विकल्प की तलाश करते हुए, बीएससी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को सफलता मिली है. यश जायले, मंदार कल्ले, शंतनु झाकर्डे, महेश घाटे, अभिजीत धर्मे ने पानी की बाइक पर शोध शुरू किया. यश जायले ने बताया कि, तालाबंदी के दौरान उन्हें काफी समय मिला जिसका लाभ उठाकर 8 दिसंबर 2020 बाइक का पहला टायल लिया गया. इसके लिए उन्होंने एक हाइड्रोजन सेल विकसित किया है. वह कहीं नहीं मिलता है. इसका पेटेंट भी कराया जा चुका है.

बाइक के इंजन को डिजाइन किया गया है और यह सामान्य इंजन की तुलना में अधिक शक्तिशाली है. यह पेट्रोल की तुलना में 3 गुना अधिक बिजली उत्पन्न करता है, यह भी यश ने कहा. हाइड्रोजन का उपयोग सामान्य इंजन में नहीं किया जा सकता है. इसलिए खतरा न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है. यह बाइक हाइड्रोजन पर चलती है. पानी इसका मुख्य स्रोत है. करंट बैटरी से सेल में प्रवाहित होता है. ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को पानी से अलग किया जाता है. यह कार्बन का उत्सर्जन भी नहीं करता है, जिससे प्रदूषण नहीं होता है.

जब ऑक्सीजन की उपस्थिति में हाइड्रोजन को जलाया जाता है, तो जल वाष्प साइलेंसर से बनता है और वायुमंडल में छोड़ा जाता है. यश जायले ने कहा कि रसायन विज्ञान के इलेक्ट्रोलिसिस सिद्धांत का उपयोग इसके लिए किया गया और साथ ही पुरानी सामग्री का उपयोग वाहन बनाने के लिए किया गया है.

1 लीटर पानी में 40 किमी दोड़ेगी बाइक

1 लीटर खारे पानी में 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बाइक 3 घंटे चलती है. साथ ही, गति बढ़ाने से समय कम हो जाता है. यह बताया गया कि खारे पानी का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. हमें जो पॉकेट मनी मिलती है उससे हम रिसर्च पर खर्च कर रहे हैं. लेकिन सरकार की मदद मिलने पर बड़े वाहनों पर शोध किया जा सकता है, यह भी उन्होंने कहा. 

वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करेंगे

यश के पिता श्रीकांत जयले ने कहा कि वह इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलेंगे क्योंकि युवाओं के शोध के दूरगामी परिणाम हैं. उन्होंने इस शोध को उन तक पहुंचाने की मंशा भी व्यक्त की क्योंकि वाहनों में इथेनॉल के उपयोग से उनकी दृष्टि विकासात्मक है.