वखारिया जीन क्षेत्र में सड़कों की बदहाली, लोगों को चंदा करके गड्ढों में डालना पड़ा मुरूम

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    • मुख्याधिकारी की काम के प्रति उदासीनता 

    अकोट. पांच साल का कार्यकाल नगर परिषद मुख्याधिकारी के काम के प्रति उदासीनता, सत्ताधारी नगरसेवकों के बीच आंतरिक गुटबाजी और कभी-कभी लोगों के बीच तकरार के कारण मुख्याधिकारी का पांच साल का कार्यकाल खराब रहा है. विकास की आस लगाये बैठे वखारिया जीन परिसर के निवासियों को निराश होना पड़ा. कई वर्षों की याचिकाओं, दलीलों और आंदोलनों के बावजूद, नगर पालिका कुंभकर्ण जैसी सो रही है. उनको वखारिया जीन क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत के लिये नींद नहीं खुल रही हैं.

    काम के प्रति मुख्याधिकारी की उदासीन नीति से स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी है. इसलिए कहा जा रहा है कि अकोट को अब काम करनेवाला और जबरदस्त मुख्याधिकारी की जरूरत है. वखारिया जीन परिसर में कैनरा बैंक के सामने पानी जमा होकर गटर तैयार हुआ था. तब वार्ड के पार्षद मनीष कराले ने 30 दिसंबर को वखारिया जीन क्षेत्र में कैनरा बैंक के सामने कीचड़ में आंदोलन शुरू किया था. पूर्व विधायक संजय गावंडे ने भी आंदोलन का समर्थन किया था.

    इस समय सबंधित कॉन्ट्रॅक्टर ने अपना प्रतिनिधि भेज कर एक माह के अंदर सड़क का निर्माणकार्य पूरा करने का लिखित आश्वासन प्रदर्शनकारी को दिया था. सड़क पर काम भी कुछ दिन बाद शुरू हुआ. लेकिन मुख्य समस्या कैनरा बैंक के सामने की छोड़कर, सिकवाल अस्पताल से विधायक संजय गावंडे के घर तक की सड़क आधी अधुरी आंशिक रूप से बनकर तैयार हो गई है. स्थानीय पार्षदों द्वारा इस बारे में पूछे जाने पर उन्हें अस्पष्ट जवाब दिया गया.

    वखारिया जीन क्षेत्र के नागरिकों को बिना सीवेज की सुविधा के सड़कों पर पानी बहता जा रहा है. कुछ जगहों पर निचले इलाकों के कारण पानी जमा हो गया है. जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा है. लेकिन इस बात का नगर पालिका को कोई लेना देना नही हैं. ऐसा आज तक के काम पर से दिखता हैं. वर्तमान में कैनरा बैंक के सामने सड़क पर गटर बह रही है और सड़क पर चलना मुश्किल है.

    इस क्षेत्र में अस्पताल, बैंक, हार्डवेयर, पटवारी कार्यालय, निजी क्रेडिट बैंक यूनियन और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं. यहां नागरिकों की हरदम भीड़ रहती हैं. लेकिन सड़क पर गटर होने की वजह से उनको तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा अब व्यापारियों ने नगर पालिका के गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर निर्भर रहने की बजाय अपने खर्चे से निचले इलाकों में गिट्टी डालना शुरू कर दिया है और सड़क यातायात के लिये शुरू किया है.

    इस क्षेत्र में हमारी दूकानें हैं. नगर पालिका को इस सड़क के बारे में बार-बार शिकायत करने पर भी उन्होंने आंखें मूंद लीं. इसलिए हमने इस निचले इलाके में अपने दम पर गिट्टी डाल दी है. – अश्विन सेजपाल

    व्यावसायिक

    लाकडाउन के बाद अब कारोबार लाइन पर आ रहा है. लेकिन ग्राहक खरीदारी के लिए दूकान पर आने को तैयार नहीं हैं. क्योंकि इलाके में पानी है. इसलिए नुकसान को रोकने के लिए हमने पहल की. और अपने पैसों से रोड पर गिट्टी, मुरूम डाला है. – समीर सावजी

    मैं पिछले पांच वर्षों से इस क्षेत्र का निवासी हूं. लेकिन न.प की तरफ से हमें आज तक कोई बुनियादी सुविधा नहीं मिली है. यदि टैक्स चुकाने और नगर पालिका को अभ्यावेदन देने के बाद भी हमें ये सुविधाएं नहीं मिलती हैं. तो हम सभी निवासियों द्वारा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.- संजय भायानी, स्थानीय निवासी