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    • संभावित तीसरी लहर से सतर्कता जरूरी 

    अकोला. शहर तथा जिले में अब कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से समाप्ति की ओर है. ऐसा भी कहा जा सकता है कि कोरोना संक्रमण अब एक प्रतिशत पर आ गया है. कुछ माह पहले स्थिति बहुत ही अधिक खराब थी उस अनुसार अब स्थिति काफी ठीक हो गई है. पिछले छह माह लोग कोरोना संक्रमण से बहुत ही अधिक घबरा गए थे. कई लोगों की मौत कोरोना के कारण हो गई थी.

    अब वर्तमान समय में कोरोना वायरस के पाजिटिव रोगियों की संख्या बिलकुल कम हो गई है. अभी भी कोरोना की टेस्टिंग नियमित रूप से शुरू है. रोज एक या दो कोरोना के पाजिटिव रोगी पाए जा रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी यहां कोरोना के एक्टिव पाजिटिव 54 रोगी हैं. कोरोना की दशहत कम हो गई है. 

    ध्यान दिया जाना जरूरी-डा.राजकुमार चौहान

    लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. इसलिए सतर्क रहते हुए ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डा.राजकुमार चौहान का कहना है कि यह बात सही है कि दूसरी लहर की तीव्रता काफी कम हो गई है.

    स्थिति अच्छी है लेकिन फिर भी अभी सभी लोगों का काम है कि पूरी तरह से सतर्क रहें और कोरोना की संभावित तीसरी लहर से भी सावधान रहें, अभी भी घरों से बाहर निकलते समय मास्क लगाकर ही निकलें. दिन में कई बार हाथ धोएं तथा भीड़ का हिस्सा न बनते हुए सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करे और अपना नंबर आने पर वैक्सीन जरूर लें. सभी लोगों का वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है. 

    संभावित तीसरी लहर से सतर्क रहें

    तीसरी लहर के विषय में विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर की संभावना है. क्यों कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कई लोगों की जाने गई हैं. लेकिन अब दूसरी लहर समाप्त होने की स्थिति में हैं. कुछ विशेषज्ञों का ऐसा कहना है कि दूसरी लहर आने के पहले बहुत से लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ था, उस तुलना में अब वैक्सीनेशन भी काफी हो चुका है. इसलिए तीसरी लहर बहुत ही अधिक भयानक रहेगी इसकी संभावना कम है.

    फिर भी संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी लोगों द्वारा सतर्कता तो जरूरी है ही इसके साथ साथ छोटे बच्चों के ओर भी ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. यदि किसी तरह का बुखार, सर्दी, खांसी है तो तुरंत अपने डाक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है. विशेष डाक्टरों का कहना है कि फिलहाल कोरोना की दूसरी लहर नियंत्रण में हैं लेकिन फिर भी ध्यान देना जरूरी है. बिना घबराए छोटे बच्चों की तरफ विशेष ध्यान दें. किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर अपने डाक्टर की सलाह ले और उसकी सलाह के अनुसार ही इलाज करवाएं.