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    • कोरोना से एसटी बस को ब्रेक

    अकोला. पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना से नागरिकों के हाल बेहाल हो गए है. कोरोना संक्रमण के प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं से सरकार ने राज्य परिवहन महामंडल की ग्रामीण भागों की एसटी बस सेवा पिछले डेढ़ वर्ष बंद की है. जिससे ग्रामीण भागों के जनता के हाल बेहाल हो रहे है. एसटी ना होने की वजह से निजी वाहनों द्वारा यात्रा करनी पड़ रही है. जिससे ग्रामीण भागों के यात्रियों का आर्थिक नुकसान हो रहा है. ग्रामीण भागों में एसटी बस कब दौड़ेगी इसकी प्रतीक्षा नागरिक कर रहे है.

    कोरोना से अनेक परिवार की हानि हो गई है. सरकार स्तर पर घोषित की इस महामारी को रोकने के लिए नियमों का अमल सरकार ने किया है. ऐसे में सरकार ने लिया निर्णय याने राज्य परिवहन महामंडल की ग्रामीण भागों की एसटी बस सेवा बंद करने का है. ग्रामीण जनता को यात्रा का बुनियादी साधन उपलब्ध ना होने से एसटी बस पर ही निर्भर है. लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना से रुके जिले के ग्रामीण क्षेत्र की एसटी बस सेवा से नागरिकों की असुविधा हो रही है.

    जिले में अधिकतर देहात जोड़े गए है. देहातों की संख्या भी अधिक है. ग्राम कानशिवनी, येलवण, जवला, दुधलम, बोरगांव खुर्द, डाबकी, पातुर नंदापुर, कानडी आदि देहात राज्य परिवहन महामंडल की एसटी बस की राहतपूर्ण यात्रा पर निर्भर है. लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष से एसटी बस का दर्शन जनता को नहीं हो रहा है. जिससे नागरिक त्रस्त हो गए है.

    वरिष्ठ नागरिक, विद्यार्थी को सहूलियत मिलने से एसटी बस की यात्रा सुलभ है. लेकिन एसटी बस सेवा बंद होने से वरिष्ठ नागरिक, मरीज, विद्यार्थी को दूसरी व्यवस्था के रुप में निजी वाहन सेवा का आधार लेना पड़ता है. ऐसे में डीजल व पेट्रोल दाम वृध्दि से भी निजी वाहनों की यात्रा के किराए में काफी वृध्दि हो गई है. इसका अतिरिक्त भार ग्रामीण भागों की जनता पर पड़ रहा है.