प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

    Loading

    •  प्रशासन की अनदेखी

    मूर्तिजापुर. लॉकडाउन ब्रेक द चैन घोषित होने के बावजूद भी सभी ओर कर्फ्यू की धारा 144 कड़ी पाबंदी लागू होते हुए भी लोग बिंदास शहर और ग्रामीण से घुमंतू की तरह घूम रहे हैं. कोरोना वायरस का महाभयंकर विकराल रूप धारण हो रहा है. तपती धूप की तरह कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रसित रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है. जहां दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना बढ़ने की वजह पर रिसर्च कर रहे हैं. जैसे की सर्दी में कोरोना बढ़ता हुआ नजर आया था. लेकिन अब गर्मी में भी कोरोना वायरस सांसों से स्प्रे की तरह फैल रहा है.

    गर्मी के मौसम में सांस तेजी से भाप बन जाती है. ऐसे में जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस छोडता है, तो वायरस छोटे-छोटे टुकड़ों में बटकर अति सूक्ष्म कण सांस के साथ स्प्रे की तरह तेजी से बाहर आते हैं. और हवा में देर तक रहते हैं, अगर कोई व्यक्ति बिना मास्क पहने इस जगह पहुंचता है तो उसे संक्रमण होने की आशंका होती है. 

    लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू लगाते वक्त अति आवश्यक के अनुसार अत्यावश्यक सेवा संबंधित कार्यालय इन कर्मचारियों के लिए बस सेवा शुरू रखी गई है. सर्व साधारण नागरिकों को बेवजह अत्यावश्यक काम ना रहते हुए प्रवास करने को सक्त मनाई की गई है. राज्य परिवहन महामंडल ने अपने सभी डिपो से बस सेवाएं शुरू रखी है. लेकिन बस सेवा से सफर करते वक्त यात्रियों और कर्मचारियों को पहचान पत्र के तौर पर किस काम के लिए कहा जा रहे हैं, यह बताना जरूरी किया गया है. और साथ में कोरोना टेस्ट नेगेटिव का सर्टिफिकेट और मुंह को मास्क लगाकर यात्रा करने की सहूलियत है.

    सरकार ने त्रिसूत्री नियम अंतर्गत नियम पालने की अनुमति भी दी है. राज्य परिवहन महामंडल की बसों में 50 प्रतिशत यात्री सफर कर सके ऐसा नियम बाध्य होते हुए भी राज्य परिवहन महामंडल की बसों में कुछ कुछ बसों में यात्री खड़े भी सफर करते नजर आ रहे हैं. अगर कोई बस में खड़े यात्री रहते हैं, तो उस बस के चालक वाहक बस में खड़े यात्रियों को उतरने के लिए कहते हैं, तो यात्री उतरते नहीं है और बहस करते हैं. बस स्टैण्ड पर मौजूद पुलिस चौकी में चालक वाहक बताते हैं. तो पुलिस प्रशासन हम इसमें क्या कर सकते है. बोल कर पल्ला झाड़ते है.

    इस तरह से पल्ला झाड़ लेने से और उसी तरह बस स्टैण्ड कंट्रोलर कर्मचारी भी यात्री नीचे उतारने में असफल नजर आते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में उन चालक वाहक किस तरह से अपना कर्तव्य बजाकर ड्यूटी करना यह उनके समझ में नहीं आ रहा है. इस और प्रशासन ने अनदेखी न करते हुए बस स्टैण्ड पर पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी में जो यात्री अत्यावश्यक सेवा या काम के लिए बस से यात्रा करना चाहता है. उसे सरकारी नियम अंतर्गत चेक करवाकर आगे यात्रा करने की अनुमति देना चाहिए.

    इस तरह का सख्त रवैया बस स्टैंड पर अपनाया गया तो फिजूल यात्रा करनेवाले यात्रियों पर लगाम लग सकती है. नहीं तो बस स्टैण्ड पर लोगों की भीड़ नजर आते ही रहेंगी. इसी वजह से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका भी हो सकती है. सभी बस डिपो ने कम से कम फेरियां शुरू रखी है. और बहुत अधिक बाकी फेरियां रद्द की गई है. इसी वजह से बस स्टैण्ड पर यात्रियों की बहुत ही भीड़ नजर आ रही है. 

    मूर्तिजापुर बस स्टैण्ड पर बढ़ती हुई यात्रियों की तादाद देखते हुए प्रशासन इस ओर अनदेखी कर रही है. ना कोई वहां पर यात्रियों को पूछता है. कौन कहां जा रहा है. या फिजूल यात्रा कर रहा है. इसमें राजस्व प्रशासन, नगर प्रशासन, पुलिस प्रशासन और राज्य परिवहन महामंडल प्रशासन इस तरह यात्रियों की बढ़ती हुई तादाद को देख कर भी जैसा की प्रशासन जानबूझकर अनदेखी कर रही है.

    इससे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका भी जताई जा रही है. इस ओर प्रशासन ने जल्द से जल्द सख्त कदम उठाकर धारा 144 कर्फ्यू अनुसार बेवजह यात्रा करनेवाले यात्रियों पर कार्रवाई कर फिजूल यात्रा करनेवाले यात्रियों की रोकथाम करना चाहिए. जिससे अत्यावश्यक सेवा अंतर्गत आनेवाले कार्यालयों के कर्मचारियों को यात्रा करने में सुविधा मिलेंगी.