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Published: Sep 18, 2021 01:23 AM IST

Swiggy-Zomato GSTSwiggy-Zomato से खाना ऑर्डर करना पड़ेगा महंगा? जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. लखनऊ में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक (45th GST Council Meeting) संपन्न हुई। इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि GST काउंसिल ने फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) को GST के दायरे में लाने के मुद्दे पर चर्चा की लेकिन कोई नया टैक्स नहीं होगा।

परिषद द्वारा लिए गए फैसले में कहा गया है कि स्विगी और जोमैटो जैसी ई-वाणिज्य इकाइयां उनके जरिए आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवा पर GST का भुगतान करेंगी, यह टैक्स डिलीवरी बिंदु पर वसूला जाएगा।

वित्त मंत्रालय के अनुसार यह कोई नया टैक्स नहीं है। स्विगी और जोमैटो के यूजर्स को अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा। पहले रेस्टोरेंट इसे वसूल करते थे लेकिन कुछ रेस्टोरेंट ग्राहकों से GST लेने के बाद भी उसका भुगतान नहीं कर रहे थे। अब, स्विगी और जोमैटो जैसे फूड एग्रीगेटर्स टैक्स कलेक्ट करेंगे और भुगतान करेंगे।

GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने पर कोई बात नहीं बनी। वित्त मंत्री ने कहा कि, “पेट्रोल और डीजल को अभी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का यह सही समय नहीं है। रेवेन्यू से जुड़े कई मुद्दों पर इसके लिए विचार करना होगा।” 

वहीं इस बैठक में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का विरोध किया। इन सभी राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे के बाहर रखने को कहा है।