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Published: Jun 07, 2021 04:05 PM IST

Tata Groupटाटा ग्रुप के निवेशक होते मालामाल, मार्केट कैप में 9 ट्रिलियन रुपए का इजाफा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई. सन 1868 में विख्यात उद्योगपति और समाजसेवी जमशेदजी नुसीरवानजी टाटा, जिन्हें आधुनिक भारत का शिल्पकार कहा जाता है, द्वारा स्थापित टाटा ग्रुप (Tata Group) भारत का सबसे प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह है, जो ना केवल समाजसेवा यानी अपने सीएसआर (CSR) दायित्वों को निभाने में सबसे आगे रहता है, बल्कि देश की प्रगति (Nation’s Development) में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान देते हुए अपने करीब 50 लाख से अधिक निवेशकों को अच्छा प्रतिफल यानी रिटर्न (Returns) देने में भी सबसे आगे है। इनमें से करीब 20% ऐसे निवेशक हैं, जिनके पास तीन-चार पीढ़ियों से टाटा कंपनियों के शेयर हैं और उनका टाटा पर अटूट भरोसा है।

चंद्रशेखरन की लीडरशिप में तेज होती ग्रोथ

वैसे तो वर्तमान में एक तरह से टाटा ग्रुप के मुख्य प्रमोटर रतन टाटा (Ratan Tata) हैं, लेकिन ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों में उनकी प्रत्यक्ष बहुलांश हिस्सेदारी नहीं है, क्योंकि सभी कंपनियों का संचालन ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स लिमिटेड (Tata Sons Limited) के द्वारा होता है और टाटा सन्स एक्सचेंजों में सूचीबद्ध नहीं है। ग्रुप की सभी कंपनियों में टाटा सन्स की ही सबसे ज्यादा इक्विटी हिस्सेदारी है। कुछ हिस्सेदारी (18।37%) सायरस मिस्त्री के नेतृत्व वाले शापुरजी पालोनजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) की भी है, लेकिन करीब 62% हिस्सेदारी के साथ मुख्य प्रमोटर टाटा सन्स ही है। इसलिए रतन टाटा ने अपने बाद पहले सायरस मिस्त्री को ही अध्यक्ष बनाया था, परंतु वे सफल होते नहीं दिखे, तब 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) को टाटा सन्स का अध्यक्ष बनाया गया। पहली बार टाटा या मिस्त्री परिवार के किसी सदस्य की बजाय बाहरी व्यक्ति को ग्रुप की कमान सौंपी गयी थी। इस कारण शुरू में कई निवेशकों को चंद्रशेखरन के सफल होने में कुछ संदेह भी था, लेकिन एन। चंद्रशेखरन ने जहां एक दूरदर्शी और कुशल लीडर की भांति ग्रुप का संचालन कर निवेशकों का संदेह दूर किया, वहीं रतन टाटा की कसौटी पर वे भी खरे उतरे।

सेंसेक्स और निफ्टी से अधिक रिटर्न

पिछले 4 वर्षों में चंद्रशेखरन की डायनामिक लीडरशिप में टाटा ग्रुप ने निवेशकों और विश्लेषकों की उम्मीदों से कहीं अधिक प्रगति की है। ग्रुप की ग्रोथ जहां नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है, वहीं ग्रुप के लाखों निवेशक भी मालामाल हो रहे हैं। विगत 4 वर्षों में टाटा ग्रुप के बाजार पूंजीकरण यानी मार्केट कैप (Market Capitalization) में 9 लाख करोड़ रुपए (9 ट्रिलियन रुपए) का जबरदस्त उछाल आया है और अब ग्रुप का कुल मार्केट कैप 18 लाख करोड़ रुपए के पार हो गया है। सभी कंपनियों के शेयर नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं और निवेशकों की चांदी हो रही है। ग्रुप की अधिकांश कंपनियों ने पिछले 12 महीनों (जून, 2020 – मई 2021) में तो बीएसई सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) से भी ज्यादा रिटर्न प्रदान किया है। इस दौरान जहां सेंसेक्स और निफ्टी में 55% की तेजी आई है, वहीं टीसीएस (TCS), टाइटन (Titan), टाटा स्टील (Tata Steel), टाटा मोटर्स (Tata Moters) सहित टाटा ग्रुप की प्रमुख 12 कंपनियों के शेयरों में 55% से लेकर 368% तक की तेजी दर्ज हुई है। यानी निवेशकों को जोरदार फायदा हो रहा है। इन टॉप 12 कंपनियों के अलावा ग्रुप की छोटी कंपनियां भी कारोबार और लाभ बढ़ाते हुए निवेशकों को बेहतर रिटर्न प्रदान कर रही हैं। ग्रुप की अन्य 17 कंपनियों में टाटा इन्वेस्टमेंट, टाटा कॉफी, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्टस, टाटा मेटालिक, टाटा स्टील बीएसएल और टाटा टेली शामिल हैं।

TCS देश की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी

मार्केट कैप की बात करें तो टाटा ग्रुप की शीर्ष कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लि। (टीसीएस), जो देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, का मार्केट कैप तो 11।68 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। आज टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज (14 लाख करोड़ रुपए) के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी है। टीसीएस के बाद ग्रुप की गोल्ड ज्वैलरी रिटेल कंपनी टाइटन का मार्केट कैप 1।41 लाख करोड़ रुपए हो गया है। ग्रुप की तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी टाटा स्टील है, जिसका मार्केट कैप 1।35 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। देश की प्रमु्ख वाहन निर्माता टाटा मोटर्स 1।05 लाख करोड़ रुपए मार्केट कैप के साथ चौथी बड़ी मूल्यवान कंपनी है। जबकि टाटा कंज्यूमर 0।61 लाख करोड़ रुपए मार्केट कैप के साथ 5वें नंबर पर है। टॉप 12 में अन्य 6 कंपनियों का मार्केट कैप 16,000 करोड़ से लेकर 34,000 करोड़ रुपए के बीच है।

ग्रोथ और तेज होगी

टाटा ग्रुप अपने मौजूदा और नए उभरते क्षेत्रों में कारोबार का विस्तार कर अपनी ग्रोथ निरंतर तेज कर रहा है। टाटा मोटर्स और टाटा पावर जहां इलेक्ट्रिक वाहन और सौर उर्जा क्षेत्र में तेजी से आधार बढ़ा रही हैं, वहीं टाटा केमिकल इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी उत्पादन क्षेत्र में भी उतर रही है। इसी तरह ग्रुप की अन्य कंपनियां भी चंद्रशेखरन के कुशल नेतृत्व में अपनी ग्रोथ को बढ़ाने में सफल हो रही हैं। अब टाटा ग्रुप को और मजबूती प्रदान करने के लिए टाटा सन्स के बोर्ड में रतन टाटा के छोटे भाई नोएल टाटा (Noel Tata) और सिटी बैंक के पूर्व सीईओ प्रमित जवेरी (Pramit Jhaveri) को लाया जा रहा है। जिसकी घोषणा जल्द हो सकती है।