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Published: Nov 26, 2020 10:46 AM IST

संविधान दिवसConstitution day: संविधान दिवस पर पढ़ें इससे जुड़ी ये खास बातें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. भारत के संविधान के निर्माताओं के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ (Constitution day) के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, लेकिन इससे पहले 26 नवंबर 1949 यानी आज ही के दिन इसे अपनाया गया था। डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) को भारत के संविधान निर्माता कहा जाता है। हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। सभी संविधानों को परखने के बाद इस संविधान का निर्माण कराया गया।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में 19 नवंबर को गजट नोटिफिकेशन द्वारा 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में घोषित किया था। संविधान दिवस मनाकर हम पहले कानून मंत्री बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने संविधान को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका बनाई। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा वर्ष 1979 में एक प्रस्ताव के बाद से इस दिन को ‘राष्ट्रीय कानून दिवस’ (National Law Day) के रूप में जाना जाने लगा था।

संविधान की ड्रॉफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर थे।  संविधान सभा के सदस्यों का पहला सेशन 9 दिसंबर 1947 को आयोजित हुआ। इसमें संविधान सभा के 207 सदस्य थे। 

विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे, जो वर्तमान में बढ़कर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए हैं।

यह हस्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था। संविधान लिखित सिद्धांत, मौलिक सिद्धांत, अधिकार सरकार और नागरिकों के कर्तव्य आदि का जिक्र है। संविधान दिवस मनाने का मकसद नागरिकों को संविधान के प्रति सचेत करना, समाज में संविधान के महत्व का प्रसार करना है।