नवभारत विशेष

Published: Sep 30, 2021 12:12 PM IST

निशानेबाज़अब पिज्जा कुल्हड़ खानपान के शौकीनों के बीच हुल्लड़

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, पाककला में नए-नए प्रयोग होते रहते हैं. नई-नई रेसिपी सामने आ रही हैं. गृहिणियां परंपरागत व्यंजनों के अलावा गूगल गुरु से भी विविध किस्म के पकवान बनाना सीख रही हैं.’’ हमने कहा, ‘‘आज आप खानपान की चर्चा क्यों कर रहे हैं? क्या किसी ने दावत पर बुलाया है या आप किसी को पार्टी दे रहे हैं? वैसे मित्रों के बारे में कहा गया है- यार-दोस्त किसके, माल खाए खिसके!’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आपने हुल्लड़ मुरादाबादी की मनोरंजक कविताएं सुनी होंगी लेकिन अब कुल्हड़ में हुल्लड़ हो रहा है. आपने अब तक ऐसा पिज्जा खाया होगा जो चौकोर बक्से में 4 हिस्सों में कटा या बंटा रहता है. इसमें चीज, लाल-हरी कैप्सिकम या शिमला मिर्च चिपकी होती है. ऊपर से चाहें तो चिली फ्लेक्स या कुटी हुई लाल मिर्च छिड़क लीजिए. पिज्जा एक इटालियन डिश है जिसे आप चाहें तो सब्जीवाली रोटी भी कह सकते हैं. अब यही पिज्जा गुजरात के सूरत शहर में एक नई शक्ल में आया है. इसे कुल्हड़ पिज्जा का नाम दिया गया है.’’

हमने कहा, ‘‘आप गुजरात की बात कर रहे हैं जबकि मिट्टी के कुल्हड़ का अधिक प्रचलन यूपी और बिहार में है. इसमें चाय, दूध या लस्सी पीकर देखिए, बड़ा बढ़िया स्वाद आएगा. कुल्हड़ में मिट्टी की सोंधी महक होती है. यह यूज एंड थ्रो होता है. जूठा होने का सवाल ही नहीं. इस्तेमाल के बाद फेंक दो, टूटकर मिट्टी में मिल जाता है इसलिए पर्यावरण के लिए अनुकूल है. जब लालूप्रसाद यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर व ट्रेन के भीतर चाय-कॉफी के लिए कुल्हड़ का इस्तेमाल शुरू करवाया था.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कुल्हड़ पिज्जा एक नई कन्सेप्ट है. इसमें मिट्टी के कप या कुल्हड़ में पिघले हुए चीज के साथ पिज्जा पेश किया जाता है. इसका दाम 80 रुपए रखा गया है. ‘आमची मुंबई’ नामक यू-ट्यूब चैनल ने कुल्हड़ पिज्जा का वीडियो शेयर किया है. आजकल के बच्चों को शीरा, उपमा, आलूपोहा अच्छा नहीं लगता. इस पिज्जा, बर्गर, सैंडविच, नूडल्स, मैगी की शौकीन पीढ़ी को कुल्हड़ पिज्जा जरूर पसंद आएगा.’’