संपादकीय

Published: Feb 27, 2021 12:12 PM IST

संपादकीयसंघर्ष विराम की तैयारी लेकिन पाक की नीयत पर भरोसा कैसे करें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पाकिस्तान (Pakistan) ने देख लिया कि उसके आका चीन(China) के सामने भी भारत सख्त रवैया अपनाता है. भारत की दृढ़ता के कारण ही चीन को सेना पीछे हटानी पड़ी. इसलिए पाकिस्तान ने भारत के साथ संघर्ष विराम के लिए तैयारी दर्शाई है. इतने पर भी पाकिस्तान की नीयत के बारे में आंख मूंदकर विश्वास नहीं किया जा सकता. जब 2015 में प्रधानमंत्री मोदी(PM Modi) अफगानिस्तान से लौटते समय लाहौर में तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ से मिले थे, उसके 1 सप्ताह बाद पाकिस्तान ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला किया था. इसी तरह जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी अमन का पैगाम लेकर लाहौर गए थे तो उसके तत्काल बाद पाक ने कारगिल में हमला किया था.

2020 में पाकिस्तान ने 4600 बार एलओसी (LOC) पर फायरिंग कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. अब 8 वर्षों में पहली बार दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने संयुक्त बयान जारी कर संघर्ष विराम समझौतों के पालन पर सहमति जताई है. इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच लगभग 1 माह तक बातचीत चली. यह भी बताया जाता है कि पिछले 3 महीनों से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ प्रधानमंत्री इमरान खान के कूटनीतिक सहायक व पाक एनएसए मोईद यूसुफ और पाक आर्मी चीफ से ‘बैक चैनल टाक’ (Backchannel) या गुप्त रूप से किसी तीसरे देश में चर्चा हो रही थी. पाकिस्तानी जनरल कमर बाजवा ने 2 फरवरी को पाक एयरफोर्स एकेडमी में कहा था कि हम परस्पर सम्मान और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व चाहते हैं. यह समय सभी ओर शांति का हाथ बढ़ाने का है. यदि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर अमल होता है तो एलओसी के करीब रहने वाले दोनों देशों के नागरिकों को काफी राहत मिलेगी. आए दिन गोलीबारी होने से उनकी जान खतरे में पड़ी रहती है तथा वे खेती-किसानी भी नहीं कर पाते.

उनके मकानों को भी गोलाबारी में भारी क्षति होती है. भारत भी पाकिस्तान की ओर से बार-बार की जाने वाली फायरिंग पर जैसे को तैसा जवाब देता आया है. वास्तव में पाकिस्तान आतंकियों की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कराने के लिए फायरिंग का कवर देता है. यद्यपि भारत और पाक के बीच कोई सीधी बातचीत नहीं है, लेकिन डिप्टी आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह सांघा ने पाक आर्मी चीफ जनरल जनरल कमर बाजवा से संवाद कायम रखा. अब दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई है कि नियंत्रण रेखा व सभी अन्य क्षेत्रों में समझौतों का पालन किया जाएगा. किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी से निपटने के लिए हॉटलाइन संपर्क व फ्लैग मीटिंग व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा. इतने पर भी संघर्ष विराम का यह मतलब नहीं है कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान रुक जाएगा. भारत सतर्कता में कोई कमी नहीं करेगा.