Coronavirus
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    देश भर में कोरोना (Coronavirus) से संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख हो गया है और इनमें भी महाराष्ट्र सबसे अग्रणी है. देश के 75 प्रतिशत एक्टिव केस महाराष्ट्र (Maharashtra) में हैं. राज्य में कोरोना संक्रमण में इस सप्ताह 81 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. विदर्भ के अमरावती, अकोला, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा है. अमरावती व अकोला जिले में 7 दिनों का लाकडाउन लगा दिया गया. स्थिति गंभीर होती जा रही है तो इसकी वजह लोगों की लापरवाही भी है. पिछले समय लाकडाउन के दौरान जो अनुभव आया उससे लोगों ने सीख नहीं ली.

    जैसे-जैसे ढील दी गई, लोग उसका दुरुपयोग करने लगे. कितने ही व्यक्ति मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी रखने के मामले में लापरवाही बरतने लगे. उनका आचरण ऐसा था, मानो कोरोना पूरी तरह खत्म हो गया. विभिन्न पार्टियों के राजनेता भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने सभाएं और रैलियां कीं. बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए मना करने की बजाय उनमें शामिल होने लगे. हाईप्रोफाइल कार्यक्रमों व शादियों में तो नेता बगैर मास्क के लोगों से घुलते-मिलते नजर आए. जब लोग इतनी लापरवाही दिखाएं तो कोरोना फैलेगा ही. यह ठीक है कि कोरोना का टीका उपलब्ध हो गया है परंतु अभी तो वह सिर्फ हेल्थ वर्कर व पुलिस जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए है. दूसरी बात यह कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजर का इस्तेमाल जैसे नियमों का पालन करना है. वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना होता देखा गया है. एक डोज लेने के कुछ समय बाद वैक्सीन की दूसरी डोज लेना भी जरूरी है. एंटीबॉडी बनने में भी तो समय लगता है. जब तक जनता का सहयोग नहीं मिलता, तब तक कोरोना को मात नहीं दी जा सकती. जहां किसी कंपनी ने सेल लगाया, लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है जबकि आनलाइन भी सामान मंगाया जा सकता है.

    देश में महाराष्ट्र के अलावा केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में कोरोना पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बाजारों में बढ़ती भीड़, बसों व आटो में ढेर सारी सवारी देखकर लगता है कि लोग या तो निर्भीक या बिल्कुल लापरवाह हो गए हैं. एक व्यक्ति कोरोना पीड़ित हो तो न जाने कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. महाराष्ट्र के 15 शहरों में अलर्ट घोषित करने पर भी यदि लोग नियम का पालन नहीं करते तो अपने साथ दूसरों का स्वास्थ्य भी खतरे में डाल रहे हैं. लाकडाउन खत्म हो जाने पर भी सावधानी बरतने की जरूरत बनी रहेगी. कोरोना सिर्फ बीमार ही नहीं करता बल्कि उद्योगों के बंद होने व बेरोजगारी की नौबत भी ला देता है. गत वर्ष सभी ने इसके दुष्परिणाम देखे हैं. इसलिए हर किसी को सतर्क रहना आवश्यक है.