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Published: Oct 11, 2021 12:54 PM IST

नवभारत विशेषकिसान सम्मान निधि को लेकर मोदी सरकार के दावे और यथार्थ में फर्क

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

स्वयं को किसानों की हमदर्द बताते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना शुरू की थी और यह कहा गया था कि इस योजना की आर्थिक राशि सीधे किसान के खाते में भेज दी जाएगी. यह विडंबना है कि देश के 1,21,676 किसानों का पेमेंट फेल हो गया. इसका कारण व्यवस्थागत दोष हो सकता है. जब कोई योजना लागू की जाती है तो उसका सिस्टम पहले ही ठीक से बना लेना चाहिए. देश के लाखों किसानों की अगस्त-नवंबर की 2,000 रुपए की किस्त लटकी हुई है. सबसे ज्यादा बंगाल के 17,51,736, ओड़िशा के 10,57,251 तथा यूपी के 6,58,376 किसानों का पेमेंट रुक गया है.

पेमेंट फेल होनेवाले खातों की संख्या काफी अधिक है. कहा जा रहा है कि लाखों किसानों के आधार, बैंक डिटेल्स, नाम की स्पेलिंग में गलती, बैंक खाता नंबर में त्रुटियों की वजह से किस्त आनी बंद हो गई. इसके लिए कम पढ़े-लिखे किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. प्रशासनिक मशीनरी और बैंकों को इस मामले में उचित सहयोग व मार्गदर्शन करना चाहिए था. कृषि विभाग द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए कुछ सत्यापित आवेदनों में पीएफएमएस द्वारा फंड ट्रांसफर के समय कई तरह की गलतियां पाई गई जिससे रकम हस्तांतरित नहीं हो पा रही है.

अपने राज्य के किसानों की समस्या देखते हुए योगी सरकार यूपी के सभी जिलों में 3 दिवसीय ‘पीएम किसान समाधान दिवस’ आयोजित कर रही है जिसमें आधार के अनुसार नाम सही कराया जाएगा. इसके अलावा इस योजना का लाभ उठाने के लिए यदि कुछ अपात्र लोगों ने नाम दर्ज कराए होंगे तो वह भी पकड़ में आ जाएंगे.