नाशिक

Published: Jul 17, 2021 05:30 PM IST

Women Support Cellनंदुरबार पुलिस दल के महिला सहायता कक्ष ने जोड़ा 65 परिवारों का संसार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नंदुरबार. जिला पुलिस बल (District Police Force) के महिला सहायता प्रकोष्ठ (Women Support Cell) ने अलग हुए 65 परिवारों (Separated Families) को फिर से जोड़ा दिया है। वह पुरुषों द्वारा महिलाओं के मानसिक (Mental) और शारीरिक उत्पीड़न (Physical Harassment) के कारण होने वाले पारिवारिक झगड़ों (Family Disputes) का निपटारा कर के परिवारों को को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। इसके तहत पिछले छह माह में 170 आवेदन दाखिल किए गए हैं। इनमें से 65 महिला झगड़ों को महिला सहायता इकाई द्वारा सुचारू एवं व्यवस्थित ढंग से प्रारंभ किया गया है।

महिलाओं के प्रति हो रहे अन्याय और विशेषकर पारिवारिक झगड़ों को मिटाने के लिए हर जिले में पुलिस मुख्यालय के तहत ऐसी सेल काम कर रही है। इसी प्रकार नंदुरबार जिले में भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में महिला हेल्पलाइन है। प्रकोष्ठ के अधिकारी और नौकरशाह हमेशा शिकायतकर्ता महिला और उसके ससुराल वालों की काउंसलिंग कर अपने परिवार को सुचारु रूप से चलाने की कोशिश में रहते हैं। महिला पीड़ितों को तत्काल पुलिस सहायता मिल सके इसके लिए टोल फ्री नंबर 1091 शुरू किया गया है।

यह कक्ष महिलाओं के खिलाफ पारिवारिक शिकायतों को देखता है। विशेष रुप से लॉकडाऊन में और बेरोजगारी के कारण सभी लोग घरों में होने से और उस पर आर्थिक अडचन के कारण कुछ घरों में पती- पत्नी, सास-बहु, बेटा-पिता जैसे अनेक रिश्तों में तक्रार और लडाईयां होने लगी हैं, एैसे में पारिवारिक कलह बडी संख्या में बढ़ गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने घरेलू कलह को और बढ़ा दिया है। एैसे मामलों की लगभग 170 ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इसमें पति फालतू का व्यवहार करता है, सास का साथ नहीं मिलता, पति के अनैतिक संबंधों की शिकायतें और पति को पत्नी के चरित्र पर संदेह एैसी शिकायतें कक्ष को प्राप्त हुई हैं। यदि शिकायतकर्ता महिला और उसके परिवार को भविष्य के परिणामों के बारे में सूचित करने के बाद भी विवाद का समाधान नहीं होता है, तो संबंधित गैर-आवेदक के खिलाफ थाने में मामला दर्ज किया जाता है।

शिकायतकर्ता महिलाओं में से कुछ ने अपना गृह व्यवसाय शुरू कर दिया है क्योंकि प्रकोष्ठ के अधिकारियों और नौकरशाहों ने उन महिलाओं को निर्देश दिया है जिन्हें उनके पति ने पारिवारिक झगड़ों के कारण बेदखल कर दिया है। आई हुई शिकायतों को मिटा कर फिर से संसार शुरु हो सके इसके लिए पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित, अपर पुलिस अधीक्षक विजय पवार और पुलिस निरीक्षक रविंद्र कलमकर, स्थानिक क्राईम ब्रांच के मार्गदर्शन में महिला सहाय्यता कक्ष की प्रभारी अधिकारी सहायक पुलिस निरीक्षक नयना देवरे, सहायक पुलिस उप निरीक्षक भगवान धात्रक, महिला पुलिस हेड कॉन्सटबल प्रमिला वलवी, विजया बोराडे, प्रिती गावीत, महिला सिपाही अरुणा मावची प्रयत्नशील हैं।