ठाणे

Published: Jul 17, 2021 11:04 PM IST

Antigen Testकोरोना टीके की दोनों खुराकें लेने के बाद भी शिक्षकों को करना पड़ रहा एंटीजन टेस्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ठाणे. पिछले डेढ़ साल के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में पहली बार स्कूलों में घंटी बजी।  हालांकि, मुंबई से सटे ठाणे जिले (Thane district) में भले ही एहतियाती उपायों (Precautionary Measures) के कारण शिक्षकों (Teachers) को कोरोना टीके (Corona Vaccine) की दोनों खुराक दी गई हैं, इसके बावजूद शिक्षकों को फिर से कोरोना एंटीजन टेस्ट (Antigen Test) कराए जाने की आदेश दिया गया है।

वहीं ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) ने स्वीकृति देकर प्रस्ताव भेजा, तो पहले ही दिन जिले के ग्रामीण अंचलों में आठवीं से बारहवीं कक्षा के 385 स्कूलों में घंटियां नहीं बजीं, जिसके चलते छात्रों की खुशी निराशा में बदल गई। ‘कोरोना ब्रेक द चेन’ पहल के तीसरे चरण में ठाणे जिला है।  इसमें विश्व स्तरीय मुंबई महानगर भी है। इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने कोरोना के एक और दोनों खुराकें लेने के बावजूद जिले में शिक्षकों के एंटीजन टेस्ट करने का निर्णय लिया है।  इसे लेकर आदेश भी निर्गत कर दिया गया है।  शिक्षा विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि जिले के शिक्षकों की योजना बनाकर उनका टेस्ट किया जा रहा है। हालांकि इससे जिले में पहले ही दिन 8वीं से 12वीं तक के स्कूलों में घंटियां नहीं चलीं।

कमेटी शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को पारित करेगी

ग्राम पंचायत और ग्रामीणों की सहमति का मतलब है कि स्कूल शुरू करने के लिए अनापत्ति प्रस्ताव की जरूरत होगी।  ग्राम पंचायत का यह संकल्प आज तक शिक्षा विभाग तक नहीं पहुंचा है। स्कूल शुरू करने के लिए सरपंच की अध्यक्षता में एक कमेटी शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को पारित करेगी। लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया है।  इस प्रस्ताव के बाद सरकार ने स्कूल खोलने का रास्ता साफ कर दिया है।  अनापत्ति प्रस्ताव के बाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के 385 स्कूलों में आठवीं से बारहवीं कक्षा शुरू की जाएगी  कोरोना को भगाने के लिए शहरों के साथ गाँव-गाँव में उपाय किए जा रहे हैं।

355 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त 

जिले के कुछ गाँव कोरोना मुक्त बताए जा रहे हैं। जिले की 431 ग्राम पंचायतों में से 355 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं। इन 314 ग्राम पंचायतों में से पिछले 28 दिनों में एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला है। ऐसे में अब इस क्षेत्र में स्कूलों को शुरू करने का मौका मिल गया है। हालांकि, यह देखा गया है कि माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।