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Published: Oct 27, 2021 01:28 PM ISTViral News अजीबोगरीब: वैज्ञानिकों ने खोजा 'अमर' केकड़ा, उम्र है 10 करोड़ साल
नई दिल्ली: संसार में कई तरह के रहस्य छुपे है, जिसे जानने के लिए वैज्ञानिकों के साथ-साथ हम आम लोग भी दिलचस्पी रखते है। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने वाले है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे। हम सब जानते है समुद्र के अंदर सैकड़ों जिव बसे हुए है। इतना ही नहीं बल्कि समुद्र के अंदर कई लाखों करोड़ों साल पुराणी चीजे सुरक्षित भी रहती है। इस बार वैज्ञानिकों ने समुद्र के भीतर से जो खोजै है वह वाकई में दुर्लभ है। आईये जानते है….
वैज्ञानिकों की अनोखी खोज
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने समुद्र के अंदर से एक केकड़ा (Crab) खोजा है, अब आप कहेंगे यह तो आम बात है केकड़ा तो समुद्री जिव है तो वह समुद्र में ही रहेगा ना। जी हां लेकिन खास बात यह है कि जो केकड़ा वैज्ञानिकों के हाथ लगा है वो 10 करोड़ साल पुराना है। आपको बता दें कि इस केकड़े का शरीर करोड़ों साल पहले अंबर में कैद हो गया था। इतना ही नहीं अब वैज्ञानिक इस केकड़े को ‘अमर’ केकड़ा भी कह रहे है।
वैज्ञानिकों ने कहा….
इस अनोखे शोध के बाद वैज्ञानिकों का यह कहना है कि ये केकड़ा क्रेटेशियस काल का है। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस अमर केकड़े की उम्र साढ़े नौ से 10 करोड़ साल हो सकती है। साइंस एडवांसेज में पब्लिश के स्टडी के मुताबिक इस अमर केकड़े को एक नाम दिया है। इसका नाम क्रेटस्पारा अथानाट (Cretaspara Athanata) रखा गया है। आपको बता दें कि क्रेट का मतलब शेल होता है और स्पारा यानी बादलों और पानी का देवता का नाम है और अथानाट का मतलब अमर होता है।
पहली बार हुआ ऐसा
प्रकृति की कुछ चीजें ऐसी होती है, जो हमें बहुत हैरान कर देती है। हम सब जानते है केकड़ा पूरी तरह से जलीय जीव है जो पानी में ही रहता है। इस बारे में हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर जेवियर लूक ने बताया कि केकड़े को रेयर कहने की वजह ये है कि अंबर में अब तक शोधकर्ताओं को कभी भी कोई जलीय जीव नहीं मिला है।आम तोर पर सांप, पक्षी, बिच्छू और कीड़े-मकोड़े इसमें कैद मिल चुके हैं। लेकिन पहली बार केकड़े के सुरक्षित शरीर का इसमें मिलना बड़ी उपलब्धि है।
ऐसा है अमर केकड़ा
जेवियर लूक के मुताबिक इस अनोखे केकड़े की लंबाई सिर्फ 2 मिलीमीटर है और इसका शरीर एकदम सुरक्षित है। न तो केकड़े के शरीर का कोई भी हिस्सा गायब है, न ही ये टूटा-फूटा है। वैज्ञानिकों को लगता है कि ये अमर केकड़ा समुद्री और साफ पानी के केकड़ों के बीच की कड़ी है। शोष के टूर पर देखा जाए तो यह केकड़ा खोज में मिलना यह वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
केकड़े का किया एक्स-रे
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों की टीम ने इस केकड़े का एक्स-रे किया, जिसे माइक्रो -सीटी कहते हैं। 3डी मॉडल में बने केकड़े के शरीर का अध्ययन करने के बाद पता चला कि इसके पैर और कैरापेस असली केकड़ों की तरह ही हैं। ये अनोमूरा ग्रुप (Anomura) के नकली केकड़ों की तरह नहीं है। ये केकड़ा ब्राचयूरा (Brachyura) समूह का है, जो चलने के लिए 4 पैरों का इस्तेमाल करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती पर 5 बार असली और नकली केकड़ों का विकास हुआ और सबसे पुराना केकड़ा 20 करोड़ साल पहले जुरासिक युग में मिला था।