अमरावती. मोर्शी वरुड़ तहसील में 2013-14 से 2019-20 के दौरान अतिवृष्टि से जर्जर हुए हजारों कुएं निकामी हो चुके है. ऐसे कुओं से सिंचाई करना भी मुश्किल है. यदि किसानों को सुविधा देनी है तो सिंचाई की व्यवस्था भी होना जरुरी है. वहीं दूसरी ओर कोरोना के कारण रोजगार नहीं है. यदि तहसील के 910 कुओं को मंजूरी प्राप्त होती है, तो मनरेगा के अंतर्गत दुरुस्ती करने की मांग विधायक देंवेंद्र भूयार ने नरेगा आयुक्त से मिलकर की है.
कई वर्षों से धूल खां रही फाइल
उन्होंने बैठक में बताया कि वरुड़ तहसील में 606 और मोर्शी तहसील की 304 कुएं है, जिनकी दुरुस्ती करना अनिवार्य है. दुरुस्ती के प्रस्ताव पंचायत समिति स्तर पर प्रलंबित है. जिला परिषद की निक्रिष्य नीति व लापरवाही के कारण कई वर्षों से यह फाइल धूल खां रही है. लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्र के उद्योग बंद है. इसलिए मनरेगा के माध्यम से नागरिकों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी उपलब्ध हो सकता है.
रोजगार निर्माण पर जोर
उन्होंने किसान व खेत मजदूरों के लिए रोजगार निर्माण करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामपंचायत स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार निर्मिति के काम करने की आवश्यकता है. मोर्शी वरुड़ तहसील में संतरा उत्पादन हेतु संतरा की यातायत करने तथा खेती में जाने हेतु पगडंड़ी मार्ग का निर्माण करने, डामरीकरण, एमआरजीएस के अंतर्गत काम आदि के साथ ही विधायक निधि के अंतर्गत कामों को पूर्ण करने में रोजगार निर्माण करने का आह्वान किया, जिससे ग्रामीण स्तर के नागरिकों को रोजगार मिलेगा. बैठक में पंचायत समिति सभापति निलेश मगर्दे, राकां तहसीलाध्यक्ष बालू पाटिल कोहले तथा रोजगार गारंटी योजना के अधिकारी उपस्थित थे.