स्नातक व स्नातकोतर के लिए विद्या परिषद का निर्णय

Loading

  • विवि में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू 
  • 2021-22 के सत्र से होगा अमल

अमरावती. संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय में विद्या परिषद ने चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने का महत्वपूर्ण लिया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइड लाइन व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक व स्नातकोतर पाठ्यक्रम के लिए वर्ष 2020-21 के शिक्षा सत्र से सिस्टम कार्यान्वित की जाएंगी. विसी डॉ. मुरलीधर चांदेकर की अध्यक्षता में हुई विद्या परिषद की सभा में प्र-उपकुलपति डॉ. राजेश जयपुरकर, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख व अन्य सदस्य ऑनलाइन उपस्थित थे.

नये कोर्सेस का समावेश 

 विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ ही रोजगार व स्वयं रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हो तथा प्रशिक्षण मिले. इस उद्देश्य से विसी डॉ. मुरलीधर चांदेकर ने यूजी व पीजी पाठ्यमक्रम में चॉईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने पहल की. इसके लिए प्र-उपकुलपति डॉ. राजेश जयपुरकर की अध्यक्षता में समिति, अभ्यास मंडल व उपसमिति ने यूजीसी द्वारा प्रस्तावित  निर्देशों के तहत यह स्किम बनाई.

इस स्किम में विषय के मूल पाठ्यक्रम के साथ ही कौशल्य आधारित मॉड्यूल, एबिलिटी एनहान्समेंट कोर्सेस, ओपन इलेक्टिव कोर्सेस जैसे अनेक नई बातों का समावेश किया गया है. प्रत्येक विषय के पाठ्यक्रम की थेयरी, एमसीक्यू व स्किल मॉड्यूल  पद्धति से की जाएंगी. प्रत्येक विषय को दी जा रही स्किल मॉड्यूल क्रमानुसार सिखाई जाएंगी. तीन वर्ष पदवी पाठ्यक्रम में प्रत्येक विषय के दोन स्किल मॉड्यूल प्रमाणपत्र, इस तरह कुल दस प्रमाणपत्र स्नातक के अंतिम समय विद्यार्थियों को महाविद्यालय द्वारा प्रदान किए जाएंगे.

सैनिटायजर मेकिंग को भी प्राधाण्य

कौशल्य आधारित मॉड्यूल संबंधित विषय में कौशल्य बढ़ाने काम आएंगा. जिस तरह अंग्रेजी विषय में कंटेन्ट राइटिंग अथवा स्क्रिप्ट राइटिंग जैसे स्किल्ड मॉड्यूल, इतिहास जैसे विषय में  टूरिजम, वाणिज्य विषय में इ-बैंकिंग अथवा रसायन शास्त्र विषय में सैनिटायजर मेकिंग जैसे मॉड्यूल का समावेश किया जा सकेंगा. प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए पदवी पाठ्यक्रम की पहचान हो, इसके लिए 7 दिनों का इन्डक्शन कार्यक्रम अनिवार्य किया जाएंगा. साथ ही कम्यूनिकेशन स्किल्स इन इंग्लिश त‍था रिजनल लैंग्वेज भी  मॉड्यूल विद्यार्थियों को सिखाया जाएंगा.   

एक पेपर की मिलेंगी छूट

 चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टीम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को गति मिलेगी.  भारतीय संविधान, जेन्डर सेन्सिटायजेशन, पेटेन्ट, रिसर्च मेथडॉलॉजी, ह्रमन वॅल्यूज, कम्यूनिकेशन स्किल्स जैसे अनेक विषयांतर्गत विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे. ऑनलाइन कोर्सेस करने का भी मौका इस योजना अंतर्गत दिया जाएंगा. नैशनल एज्यूकेशन पॉलिसी में आगे से पाठ्यक्रम का स्वरुप आंतर विद्याशाखीय होगा. इस विचार को पूरक ओपन इलेक्टिव की संकल्पना इस नई योजना में अंतर्भूत की जा रही है.

विद्यार्थी राज्य व राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रीड़ा अथवा सांस्कृतिक उपक्रम में शामिल होकर पारितोषिक प्राप्त कर गुणवत्ता सिद्ध करेंगे. ऐसे विद्यार्थियों को एक पूर्ण पेपर में छूट मिलेंगी. आगे से विद्यार्थी क्रीड़ा व सांस्कृतिक उपक्रमों में शामिल आवश्यक क्रेडिट प्राप्त कर पाएंगे. चॉईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टीम योजना की जानकारी शिक्षकों व विद्यार्थियों को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर दी जाएंगी.