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    • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एनएचएआय का साथ 

    अमरावती. जानलेवा बने कोरोना संक्रमण के कारण आक्सीजन की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए देशभर में कुल 581 आक्सीजन प्लांट साकार किए जा रहे है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह पहल की है. प्रत्येक प्लांट के लिए इमारत व विद्युतीकरण की आवश्यकता है. इसके लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संकट की घड़ी में हाथ बंटाया है. उनके आदेश पर नैशनल हाइवे एथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआय) प्रस्ताव के अनुसार आक्सीजन प्लांट के लिए इमारतें बनाएंगी. विद्युतीकरण की भी सुविधा करेंगी.   

    वरुड़ व अकोला जिला अस्पताल का चयन

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में साकार किए जा रहे 581 आक्सीजन प्लांट के क्रम में महाराष्ट्र के हिस्से पहले चरण में 22 प्लांट आए है. जिसमें वरुड़ के सरकारी ग्रामीण अस्पताल व अकोला जिला महिला सरकारी अस्पताल (लेडी हार्डिंग) का चयन हुआ है. इन अस्पतालों में यह आक्सीजन प्लांट खड़ा करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू किया जा रहा है. एनएचएआय के एक अधिकारी के अनुसार लगभग 18 से 20 लाख रुपए की लागत से यह इमारत बनाई जा रही है. जिसमें स्थायी तौर पर आक्सीजन प्लांट खड़ा किया जाएंगा. 

    कहां बने, सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री करेंगी तय

    एनएचएआय को केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर देना है. देश में साकार किए जा रहे 581 आक्सीजन प्लांट कहां और कौनसे जिले में बनाने है, यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ही तय करेंगा. प्लांट के लिए आवश्यक विद्युतीकरण के साथ इमारत बनाकर देनी की जिम्मेदारी नैशनल हाइवे ने ली है और फुल स्पीड से काम चल रहा है.-बालासाहब ढेंगे, विशेषज्ञ व सलाहकार