वरुड. मोर्शी और वरुड तहसील में बारिश कहर बरपा रही है. इस वर्ष बारिश ने दो दशकों के रिकार्ड तोड़ दिए है. रविवार को लिंगा गांव में मूसलाधार बारिश से खेतों में पानी ही पानी हो गया. सोयाबीन, कपास व अन्य फसलें अतिवृष्टि की मार से लुढ़क गई. संतरा के फल टपक गए. यही हाल अन्य गांवों में भी रहा. प्रशासन की टीम इस नुकासन का सर्वे करने में जुट गई है.
1 सप्ताह से झड़ी
इस बार क्षेत्र में बारिश ने कहर बरपाया है. गत् 7 दिनों से तहसील में लगातार बारिश जारी है. रविवार को तो लिंगा गांव में कई घंटों तक मूसलाधार बारिश हुई. बादल फटने से चारों ओर पानी ही पानी है. जिससे अंबिया बहार के संतरा फल पेडों से टपक गए. खरीफ की फसलें जमीन पर लुढक गई. जिससे फसलें खराब हो गई. मूंग व उड़द की फसलें पहले ही हाथ से निकल गई है. सोयाबीन यलो मोजेक की चपेट में है.
सोयाबीन फल्ली अंकुर फूटने का भय
ऐसे में बची-खुची सोयाबीन की फल्लियों में अंकुर फूटने का भय किसानों को है. कपास भी पानी की मार से पीला पडने लगा है. पौधों की जडे पानी में डूबी रहने से सड़ने लगी है. अपनी फसलों को देखकर किसानों की आंखों में आंसू है. किसान अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है. इस अतिवृष्टि से उपज प्रतिकुल रुप से प्रभावित होने के आसार है.
मुंह से छिन निवाला
इस बार बारिश ने तहसील से रेड जोन का कलंक तो पोंछ दिया है लेकिन अतिवृष्टि ने किसानों कें मुंह तक आया निवाला छिन लिया है. संतरा, कपास, सोयाबीन सहित अन्य फसलें बर्बाद हो गई है.
विजय श्रीराव, किसान
सरकार दे मदद
गत 1 सप्ताह से जारी बारिश की झड़ी से खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा है. रविवार को हुई मूसलाधार बारिश से खतों में पानी ही पानी भर गया है. ऐसे में फसलें सडने की कगार पर है. किसानों को भारी नुकसान हुआ है. सरकार किसानों को मुआवजा दे.
प्रमोद देशमुख, किसान वाडेगांव