अमरावती. महानगरपालिका व जिला परिषद समेत निजी शालाएं शुरू नहीं हो पायेगी. शहर व ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ते आंकड़ों के कारण पालक व छात्रों को और इंतजार करना पड़ेगा. फिलहाल जो पाठ्यक्रम है उसे पूर्ण करने के लिए निजी शालाओं ने वाटसग्रुप और मनपा व जिला परिषद की ओर से शिक्षक मित्र अभियान चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से पाठ्यक्रम पूर्ण किया जायेगा. हालांकि इस संदर्भ में शासन और प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का पत्रव्यवहार नहीं होने का दावा मनपा व जिला परिषद के शिक्षाधिकारी ने किया है.
दूसरी टर्म पर होंगे नतीजे
मार्च माह से लॉकडाउन लगाया गया, जिसके कारण गत वर्ष के नतीजे प्रथम सत्रांत परीक्षा के आधार पर लगाये गये, जबकि इस वर्ष प्रथम सत्रांत परीक्षा ही रद्द होने की संभावना है. जिसके चलते दिपावली के बाद शुरू होने वाले दूसरे सत्र और उस पर ही आधारित नतीजे घोषित किये जायेंगे. विशेष बात यह है कि 25 फीसदी पाठ्यक्रम शासन ने रद्द किया है. प्रथम सत्रांत में भी 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम निपट जाता है, जिसके चलते दूसरे सत्रांत के लिए छात्रों को 25 प्रतिशत की ही पढ़ाई पर जोर देना होगा.
नियोजन ही नहीं
शालाएं शुरू करने का फिलहाल कोई नियोजन नहीं है. शिक्षक वर्क फार्म होम कर रहे है. शहर में आंकड़े बढ़ने से सितंबर में भी स्कूल प्रशासन के लिए यह असंभव है. इसलिए फिलहाल कोई नियोजन नहीं हो सकता. -अब्दुल राजीक, मनपा शिक्षाधिकारी
शालाएं शुरू नहीं होगी
ग्रामीण क्षेत्र में भी शालाएं शुरू करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी स्कूल आने के लिए तैयार नहीं है और नहीं शिक्षक भी पढ़ाने के लिए तैयार है. ऐसे में सुरक्षितता को ही महत्व दिया जायेगा. जितनी पढ़ाई करनी है उसे शिक्षक मित्र के माध्यम से की जा रही है. -प्रिया देशमुख, जिला परिषद शिक्षाधिकारी